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पीएम पद के लिए बेहतर कौन? सर्वे के दौरान जब यह पूछा गया कि प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे बेहतर कौन तो 42 फीसदी ने नरेन्द्र मोदी को बताया. 12 फीसदी ने राहुल गांधी का नाम लिया. 4 फीसदी ने ममता बनर्जी और 6 फीसदी ने केजरीवाल का नाम लिया. 6 फीसदी ने मनमोहन सिंह तो वहीं 2 फीसदी ने सोनिया गांधी और 2 फीसदी ने योगी आदित्यनाथ का नाम लिया.
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किससे सबसे ज्यादा नाराज हैं और बदलना चाहेंगे ? जब सर्वे में यह पूछा गया कि वे सबसे ज्यादा किससे नाराज हैं और किसे बदलना चाहेंगे. इसके जवाब में जनता ने बताया कि 5 फीसदी लोगों ने स्थानीय व्यवस्था को बताया. जबकि 17 फीसदी ने राज्य सरकार को, 24 फीसदी ने केन्द्र सरकार को 54 फीसदी ने बताया कि वे कुछ नहीं बता सकते हैं.
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आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार से किसे ज्यादा फायदा ? सर्वे में जब यह सवाल किया गया कि आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार से किसे सबसे ज्यादा फायदा है, इसके जवाब में 61 फीसदी शहरी और 66 फीसदी ग्रामीणों ने बड़े उद्योगपतियों को बताया. 16 फीसदी शहरी और 16 फीसदी ग्रामीणों ने छोटे कारोबारियों को बताया. तो वहीं 9 फीसदी शहरी और 7 फीसदी ग्रामीण ने बताया कि सैलरी क्लास के लोगों को फायदा हूं है. जबकि 14 फीसदी शहरी और 11 फीसदी ग्रामीणों ने बताया कि वे कुछ नहीं बता सकते हैं.
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मोदी राज में विदेश से रिश्ते? जनता से जब सर्वे के दौरान यह पूछा गया कि मोदी राज में विदेश के साथ रिश्ते कैसे हुए. इसके जवाब में 78 फीसदी शहरी और 56 फीसदी ग्रामीणों ने बेहतर बताया. 12 फीसदी शहरी और 19 फीसदी ग्रामीणों ने खराब बतायाय 8 फीसदी शहरी और 21 फीसदी ग्रामीणों ने बताया कि कुछ नहीं बदला. जबकि 2 फीसदी शहरी और 4 फीसदी ग्रामीणों ने बताया कि कुछ नहीं बता सकते हैं.
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महंगे पेट्रोल-डीजल का जिम्मेदार कौन? सर्वे में जब लोगों से यह पूछा गया कि महंगे पेट्रोल-डीजल का जिम्मेदार कौन है. इसके जवाब में 44 फीसदी शहरी और 48 फीसदी ग्रामीण ने केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. 19 फीसदी शहरी और 22 फीसदी ग्रामीणों ने राज्य सरकार को कसूरवार ठहराया. जबकि 21 फीसदी शहरी और 17 फीसदी ग्रामीणों ने तेल कंपनियों को जिम्मेदार बताया. तो वहीं 16 फीसदी शहरी और 13 फीसदी ग्रामीणों ने बताया कि वे कुछ नहीं बता सकते हैं.
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केंद्र सरकार के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं ? बहुत संतुष्ट - 31%
कम संतुष्ट- 28%
असंतुष्ट- 37%
कह नहीं सकते- 4%
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अपने सांसद के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं ? बहुत संतुष्ट-27%
कम संतुष्ट- 26%
असंतुष्ट- 37%
कह नहीं सकते -10%
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गृह मंत्री अमित शाह के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं ? जब गृहमंत्री अमित शाह के कामकाज के बारे में सर्वे के दौरान पूछा गया तो पचास फीसदी लोगों ने उनका कामकाज पर संतुष्टि जाहिर की.
बहुत संतुष्ट - 28%
कम संतुष्ट- 22%
असंतुष्ट- 37%
कह नहीं सकते- 13%
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राहुल गांधी के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं ? जनता से जब सी-वोटर सर्वे के दौरान यह पूछा गया कि राहुल गांधी के कामकाज से कितना संतुष्ट हैं ? इसके जवाब में लोगों ने जवाब दिया-
बहुत संतुष्ट - 18%
कम संतुष्ट- 22%
असंतुष्ट- 41%
कह नहीं सकते- 19%
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CAA लागू करने का फैसला सही? जब जनता से सर्वे के दौरान यह पूछा गया कि CAA लागू करने का फैसला सही? इसके जवाब मं 65 फीसदी शहरी और 48 फीसदी ग्रामीणों ने हां में जवाब दिया. 20 फीसदी शहरी और 23 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. जबकि 15 फीसदी शहरी और 29 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि वे नहीं कह सकते हैं.
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लद्दाख इलाके में चीन का अतिक्रमण केंद्र की नाकामी ? जब सर्वे में यह सवाल पूछा गया कि लद्दाख इलाके में चीन का अतिक्रमण केंद्र की नाकामी ? इसके जवाब में 40 फीसदी शहरी और 47 फीसदी ग्रामीणों ने हां में जवाब दिया. जबकि 42 फीसदी शहरी और 35 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. तो वहीं 18 फीसदी शहरी और 18 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं.
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दो साल में जम्मू कश्मीर की स्थिति सुधरी? जब देश के लोगों से सी-वोटर सर्वे के दौरान यह पूछा गया कि क्या दो साल में जम्मू कश्मीर की स्थिति सुधरी? इसके जवाब में 67 फीसदी शहरी और 56 फीसदी ग्रामीणों ने हां में जवाब दिया. 17 फीसदी शहरी और 21 फीसदी ग्रामीणों ने ना में जवाब दिया. तो वहीं 16 फीसदी शहरी और 23 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं बता सकता हैं.
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जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने से समाधान हुआ? जब जनता से सर्वे के दौरान पूछा गया कि जम्मू कश्मीर में 370 हटने से समाधान हुआ? इसके जवाब में 55 फीसदी शहरी और 49 फीसदी ग्रामीण ने कहा कि हां समाधान हुआ. 30 फीसदी शहरी और 30 फीसदी ग्रामीणों ने बताया नहीं. जबकि 15 फीसदी शहरी और 21 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं.
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मोदी सरकार की क्या है सबसे बड़ी उपलब्धि? जब देश की जनता से पूछा गया कि देश की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है. इसके जवाब में 54 फीसदी शहरी और 45 फीसदी ग्रामीण ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को सबसे बड़ी उपलब्धि बताया. जबकि 20 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीणों ने राम मंदिर को बताया. तो वहीं 6 फीसदी शहरी और 6 फीसदी ग्रामीण ने तीन तलाक को उपलब्धि बताया. सीएए को 5 फीसदी शहरी और 6 फीसदी ग्रामीण ने बड़ी उपलब्धि करार दिया. तो वहीं 15 फीसदी शहरी और 18 फीसदी ग्रामीण ने अन्य मुद्दे को उपलब्धि करार दिया.
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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 2 साल पर देखे लाइव सर्वे = liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मोदी सरकार के कामकाज के दो साल पर क्या सोचती है जनता और कितना बदला देश? शाम 6 बजे से मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 2 साल पर सी वोटर की तरफ से किए गए सर्वे में यह जाना गया है कि देश के हालात कितने बदले हैं और जनता की उनके कार्यकाल के बारे में क्या सोचना है. शाम छह बजे से एबीपी न्यूज़ पर देखिए क्या है मूड ऑफ द नेशन.
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कोरोना संकट को कौन बेहतर तरीके से संभालता? सी-वोटर सर्वे के दौरान जब लोगों से यह सवाल किया गया कि कोरोना संकट कौन बेहतर संभालता. इसके जवाब में 20 फीसदी शहरी और 23 फीसदी ग्रामीणों ने राहुल गांधी का नाम लिया. जबकि, 66 फीसदी शहरी और 62 फीसदी ग्रामीणों ने पीएम मोदी का नाम लिया. 14 फीसदी शहरी और 15 फीसदी ग्रामीण ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं. यानी, राहुल के मुकाबले पीएम मोदी पर दिगुने लोगों का भरोसा रहा.
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क्या कोरोना वैक्सीन विदेश भेजना सही था? जब जनता ये यह पूछा गया कि क्या मोदी सरकार की तरफ से वैक्सीन भेजना सही था. इसके जवाब में 54 फीसदी शहरी और 45 फीसदी ग्रामीणों ने हां में जवाब दिया. 29 फीसदी शहरी और 37 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. जबकि 17 फीसदी शहरी और 18 फीसदी ग्रामीणों ने बताया कि वे इस बारे में बता नहीं सकते हैं. जाहिर है कि ज्यादातर को इससे एतराज नही है. यानी, मेरे बच्चों को वैक्सीन विदेश क्यों वाला नारा नहीं चला.
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कोरोनाकाल में सेंट्रल विस्टा निर्माण सही? जब लोगों से सी-वोटर सर्वे के दौरान यह सवाल किया गया कि क्या कोरोनाकाल में सेंट्रल विस्टा का निर्माण सही है. इसके जवब में 48 फीसदी शहरी और 39 फीसदी ग्रामीण ने हां में जवाब दिया. 29 फीसदी शहरी और 36 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. तो वहीं 23 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं. यानी, सेंट्रल विस्टा का निर्माण ज्यादातर लोग गलत नहीं मानते हैं.
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कोरोना की दूसरी लहर में प्रधानमंत्री मोदी का प्रचार कितना सही? जब जनता से सर्वे के दौरान यह पूछा गया कि क्या दूसरी लहर में प्रधानमंत्री का प्रचार सही है. इसके जवाब में 34 फीसदी शहरी और 29 फीसदी ग्रामीण ने हां में जवाब दिया. 58 फीसदी शहरी और 61 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. जबकि 8 फीसदी शहरी और 10 फीसदी ग्रामीण ने कहा कि वे कुछ नहीं बता सकते हैं. यानी, शहरी और ग्रामीण दोनों को यह पसंद नहीं आया. दूसरी लहर के बावजूद प्रचार से जनता नाराज है.
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केन्द्र और राज्य सरकार में से किससे है जनता सबसे ज्यादा नाराज एबीपी न्यूज़ पर एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सी-वोटर का सर्वे दिखाया गया. सी-वोटर की तरफ से एबीपी न्यूज़ के लिए किए गए सर्वे में पूछे गए सवालों में से एक सवाल यह था कि केन्द्र और राज्य सरकारों में से लोग आखिर किसस ज्यादा नाराज है. इसके जवाब में 17 फीसदी लोगों ने राज्य सरकार से अपनी नाराजगी बताई. हालांकि, केन्द्र से नाराज रहने वालों की तादाद सर्वे में 24 फीसदी थी. जबकि 5 फीसदी ने स्थानीय की नाराजगी प्रशासन से थी. तो वहीं 54 फीसदी ने बताया कि वे इस बारे में कुछ नहीं बता सकते हैं.
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मोदी सरकार के दूसरा कार्यकाल के 2 साल पर क्या है जनता की रिपोर्ट? मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 2 साल 30 मई यानी रविवार को पूरे होने जा रहे हैं. जनता से मोदी सरकार की तरफ से किए गए 2 वर्षों के दौरान की कामयाबी, समेत इस सरकार की उपलब्धियों का बारे में जाना गया है. इसके साथ ही, जनता से यह राय भी जानी गई है कि आज उनके लिए पीएम पद के लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार कौन हो सकता है. इसके साथ ही और भी कई दिलचस्प सवाल मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 2 वर्ष को लेकर किए गए हैं.