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भारत की आज सबसे बड़ी परेशानी क्या है? 36 फीसदी लोगों ने कोरोना को बताया. 18 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी, 10 फीसदी लोगों ने महंगाई, 7 फीसदी लोगों ने भ्रष्टाचार, पांच फीसदी लोगों ने गरीबी और चार फीसदी लोगों ने कृषि को बड़ी परेशानी बताया.
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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लोगों की सबसे बड़ी नाराजगी क्या है? 44 फीसदी शहरी और 40 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कि कोरोना से निपटना. वहीं 20 फीसदी शहरी लोगों ने और 25 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कि कृषि कानून. 9-9 फीसदी शहरी और ग्रामीण लोगों ने कहा कि CAA पर दिल्ली दंगे. वहीं 10 फीसदी ग्रामीण और 7 फीसदी शहरी लोगों ने भारत-चीन सीमा विवाद को बताया. 20 फीसदी शहरी और 17 फीसदी ग्रामीण लोगों ने अन्य मुद्दों का जिक्र किया.
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दूसरी लहर में प्रधानमंत्री का प्रचार सही? जब जनता से सर्वे के दौरान यह पूछा गया कि क्या दूसरी लहर में प्रधानमंत्री का प्रचार सही है. इसके जवाब में 34 फीसदी शहरी और 29 फीसदी ग्रामीण ने हां में जवाब दिया. 58 फीसदी शहरी और 61 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. जबकि 8 फीसदी शहरी और 10 फीसदी ग्रामीण ने कहा कि वे कुछ नहीं बता सकते हैं. यानी, शहरी और ग्रामीण दोनों को यह पसंद नहीं आया. दूसरी लहर के बावजूद प्रचार से जनता नाराज है.
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कोरोनाकाल में सेंट्रल विस्टा निर्माण सही? जब लोगों से सी-वोटर सर्वे के दौरान यह सवाल किया गया कि क्या कोरोनाकाल में सेंट्रल विस्टा का निर्माण सही है. इसके जवब में 48 फीसदी शहरी और 39 फीसदी ग्रामीण ने हां में जवाब दिया. 29 फीसदी शहरी और 36 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. तो वहीं 23 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं. यानी, सेंट्रल विस्टा का निर्माण ज्यादातर लोग गलत नहीं मानते हैं.
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कुंभ शुरू से सांकेतिक ही रहता? कुंभ को लेकर जब जनता से यह सवाल किया गया कि क्या कुंभ शुरू से सांकेतिक ही रहता. इसके जवाब में 58 फीसदी शहरी और 54 फीसदी ग्रामीण ने हां में जवाब दिया. 22 फीसदी शहरी और 19 फीसदी ग्रामीण ने नहीं में जवाब दिया. जबकि 20 फीसदी शहरी और 27 फीसदी शहरी ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं.
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वैक्सीन विदेश भेजना सही? जब जनता ये यह पूछा गया कि क्या मोदी सरकार की तरफ से वैक्सीन भेजना सही था. इसके जवाब में 54 फीसदी शहरी और 45 फीसदी ग्रामीणों ने हां में जवाब दिया. 29 फीसदी शहरी और 37 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. जबकि 17 फीसदी शहरी और 18 फीसदी ग्रामीणों ने बताया कि वे इस बारे में बता नहीं सकते हैं. जाहिर ह कि ज्यादातर को इससे एतराज नही है. यानी, मेरे बच्चों को वैक्सीन विदेश क्यों वाला नारा नहीं चला.
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आप किससे सबसे ज्यादा नाराज? जब जनता से यह पूछा गया आप किससे सबसे ज्यादा नाराज? इसके जवाब में लोंगों ने जवाब दिया स्थानीय प्रशासन = 5%, राज्य सरकार = 17%, केंद्र सरकार = 24% और कह नहीं सकते = 54%. यानी, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले यह खतरे की घंटी है.
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कोरोना संकट कौन बेहतर संभालता? सी-वोटर सर्वे के दौरान जब लोगों से यह सवाल किया गया कि कोरोना संकट कौन बेहतर संभालता. इसके जवाब में 20 फीसदी शहरी और 23 फीसदी ग्रामीणों ने राहुल गांधी का नाम लिया. जबकि, 66 फीसदी शहरी और 62 फीसदी ग्रामीणों ने पीएम मोदी का नाम लिया. 14 फीसदी शहरी और 15 फीसदी ग्रामीण ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं. यानी, राहुल के मुकाबले पीएम मोदी पर दिगुने लोगों का भरोसा रहा.
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पिछले साल पूरे देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन लगाना सही फैसला था? सर्वे में जब जनता से यह सवाल किया गया कि पिछले साल पूरे देश में लॉकडाउन लगाना सही था. इसके जवाब में 76 फीसदी शहरी और 65 फीसदी ग्रामीण ने हां में जवाब दिया. 17 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीण ने नहीं में जवाब दिया. जबकि 7 फीसदी शहरी और 10 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं.
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मोदी सरकार में क्या कोरोना वैक्सीन का इंतजाम ठीक है? ऐसे समय में जब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का 2 साल पूरा होने जा रहा है, सी वोटर की तरफ से इसको लेकर सवाल पूछा गया. सी वोटर सर्वे में जनता से यह पूछा गया कि क्या मोदी सरकार में वैक्सीन का इंतजाम ठीक है, तो इसके जवाब में 51 फीसदी शहरों लोगों ने हां में दिया. जबकि 42 फीसदी ग्रामीणों ने भी हां में इसका जवाब दिया.
लेकिन, 38 फीसदी शहरी लोगों के यह मानना था कि मोदी सरकार ने वैक्सीन का इंतजाम ठीक से नहीं किया. तो वहीं 46 फीसदी ग्रामीणों ने माना कि सरकार ने वैक्सीन का इंजाम ठीक से नहीं किया. जबकि शहर के 11 फीसदी ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं कहना तो 12 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस पर कुछ नहीं कहना है.
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क्या इस बार इस बार देशव्यापी लॉकडाउन न लगाना सही है? लोगों से जब सर्वे के दौरान यह पूछा गया कि क्या इस बार देशव्यापी लॉकडाउन न लगाना सही है? इसके जवाब में 57 फीसदी शहरी और 52 फीसदी ग्रामीण ने हां में जवाब दिया. जबकि 31 फीसदी शहरी और 34 फीसदी ग्रामीणों ने ना में जवाब दिया. तो वहीं 12 फीसदी शहरी और 14 फीसदी ग्रामीणों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं. यानी, इस बार देशव्यापी लॉकडाउन न लगाने के पक्ष में देश है.
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मोदी-2 सरकार से सबसे बड़ी नाराजगी जनता की क्या है? मोदी सरकार से दूसरी बड़ी नाराजगी क्या है इसके जवाब में 44 फीसदी शहरी और 40 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कोरोना से निपटना. जबकि, 20 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीण किसान कानून बता रहे हैं. 9 फीसदी शहरी और 9 फीसदी ग्रामीण सीएए और दिल्ली दंगे को बता रहे हैं. 7 फीसदी शहरी और 10 फीसदी ग्रामीण चीनी सीमा विवाद बता रहे हैं जबकि 20 फीसदी शहरी और 17 फीसदी ग्रामीण अन्य कारण को जिम्मेदार बता रहे हैं.
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कोरोना काल में क्या है देश की जनता का मूड? देखें एबीपी न्यूज़ सीवोटर सर्वें = liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
देश के अधिकतर लोगों ने बताया कोरोना ही है आज उनकी सबसे बड़ी परेशानी देश के लोगों से जब पूछा गया कि आज की तारीख में भारत की आज सबसे बड़ी परेशानी?
इसके जवाब में लोगों ने जवाब दिया- भ्रष्टाचार = 7%. बेरोजगारी = 18%, गरीबी = 5%, महंगाई = 10%, कृषि = 4%, कोरोना = 36%, अन्य = 20%
यानि आज लोग भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई के मुकाबले कोरोना से ज्यादा परेशान है.
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देश के मौजूदा हालात से लेकर वैक्सीन तक, शाम 6 बजे से जानिए सर्वे में क्या सोचती है जनता एबीपी न्यूज़ के लिए सी-वोटर की तरफ से किए गए सर्वे में आम जनता से कई सवाल पूछकर कोरोना के इस संकट की घड़ी में उनका मन टटोलने की कोशिश की गई है. शाम छह बजे से एबीपी न्यूज़ पर सर्वे दिखाया जाएगा. इसमें जनता से कई सवाल कर कोरोना के वक्त में उनकी परेशानी से लेकर इस मुश्किल घड़ी में सरकार और विपक्ष के कामकाज के तौर-तरीके के बारे में भी जाना गया है.
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देश में लगातार कम हो रही कोरोना संक्रमण की रफ्तार देश में अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार कम होने लगी है. इसकी वजह से अब दिल्ली और पंजाब समेत जिन राज्यों में सख्त पाबंदियां मई के महीने में लगाई गई थी वहां पर अब धीरे-धीरे छूट देने की घोषणा की गई है. शुक्रवार को देश में कोरोना के 1 लाख 86 हजार 364 नए कोरोना केस आए और 3660 संक्रमितों की जान चली गई है. वहीं 2 लाख 59 हजार 459 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं. यानी कि बीते दिन 76,755 एक्टिव केस कम हो गए. इससे पहले बुधवार को 211,298 लाख नए केस दर्ज किए गए थे और 3847 संक्रमितों की मौत हुई थी.