ABP e Shikhar Sammelan Live Updates: मूडीज ने 0 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया, क्या बोले बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी
कोरोना वायरस संकट के बीच एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम 'e-शिखर सम्मेलन' में एक्सपर्ट्स ने इकॉनमी को उबारने के प्लान को लेकर जानकारी दी. इसके अलावा लॉकडाउन में सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों के बारे में भी बातचीत की जा रही है.
एबीपी न्यूज़ Last Updated: 08 May 2020 05:28 PM
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केंद्र और राज्य सरकारों की पहल और आम लोगों के सहयोग से कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है. इस बीच आज सुबह 11 बजे से एबीपी न्यूज़ 'e-शिखर सम्मेलन'...More
केंद्र और राज्य सरकारों की पहल और आम लोगों के सहयोग से कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है. इस बीच आज सुबह 11 बजे से एबीपी न्यूज़ 'e-शिखर सम्मेलन' आयोजित कर रहा है. इस खास कार्यक्रम में राजनीतिक दिग्गजों से लेकर, आर्थिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ बातचीत करेंगे और आम लोगों के सवालों के जवाब देंगे. शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था पर विशेष चर्चा होगी और एक्सपर्ट्स की राय ली जाएगी. 'e-शिखर सम्मेलन' में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई एक्सपर्ट्स बातचीत करेंगे. #ABPeShikharSammelan हैशटैग के साथ आप अपनी राय ट्विटर पर दे सकते हैं. इस दौरान कोरोना वायरस इकॉनमी को उबारने का क्या प्लान है इस पर राय ली जाएगी. इसके अलावा कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन पर भी बातचीत होगी. कार्यक्रम के LIVE अपडेट्स के लिए आप दिनभर एबीपी न्यूज़ के सभी प्लेटफॉर्म पर बने रह सकते हैं.
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कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि हमें समस्या का समाधान खोजना है. सरकार का दावा है कि लोगों को पैसे भेजे गए लेकिन नीचे कहीं भी कुछ पता नहीं चल रहा है. ग्रामीण इलाकों में त्राही-त्राही मची हुई है. सैकड़ों किलोमीटर पैदल जा रहे हैं. पैसा कहां गया? इसका कोई अनुमान नहीं है.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को सलाह दी है कि सरकार गरीबों को 7500 रुपये सीधा दे. उनकी इस सलाह पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सरकार जनधन खातों के माध्यम से पैसे भेज रही है. वो अगर कह रहे हैं तो, सरकार पहले भी कई बार पैसे ट्रांसफर कर चुकी है. राहुल गांधी विषेशज्ञों की राय ले रहे हैं लेकिन सरकार के फैसलों की जानकारी नहीं ले रहे हैं. वो अपनी भूमिका नहीं तय कर पा रहे हैं.
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कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e शिखर सम्मेलन में कहा कि हमारे यहां जनता त्राही-त्राही कर रही है. सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों का ख्याल रखे. राजीव शुक्ला की सलाह पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं उनकी बात से सहमत हूं कि यह कोई राजनीति का समय नहीं है. मजदूरों की मौत हो गई, यह दुखद है. सरकार को मदद करनी चाहिए. हमारे पास अधिक आबादी है. 30 प्रतिशत जनता गरीबी रेखा से नीचे खड़ी है.
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क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि भारत की क्रेडिट रेटिंग के नकारात्मक परिदृश्य से पता चलता है कि उसकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पहले की तुलना में काफी कम रहने वाली है.
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कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने मूडीज की रेटिंग पर कहा कि यह आलोचना का समय नहीं है. सभी को पता है कि मनमोहन सिंह के समय में अर्थव्यवस्था की अच्छी स्थिति थी. संकट के समय में रेटिंग जीरो होंगी और जीरो से नीचे भी जा सकती हैं. क्योंकि देश ठप है. ठप देश को चलाने की जिम्मेदारी हम सभी की बनती है.
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बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पूरे विश्व के सामने संकट है. ब्रिटिश सेंट्रल बैंक ने कहा है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 300 साल के सबसे निचले स्तर पर होगी.
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मूडीज ने 0 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान जताया है. आज एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e शिखर सम्मेलन में इसी को लेकर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आज के समय का यही यथार्थ है. क्योंकि जी-20 देश में जितने भी देश हैं. चीन को छोड़कर सभी निगेटिव ग्रोथ में है.
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नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर कहा कि स्वभाविक है कि मजदूर जब वापस घर लौट कर आएंगे तो निश्चित तौर पर उन्हें रोजगार की जरूरत होगी. सरकार इस ओर भी कदम उठा रही है.
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नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e शिखर सम्मेलन में कहा कि राहुल गांधी ने जो मनरेगा को लेकर सुझाव दिए हैं, वह बिल्कुल गैर-जिम्मेदाराना है. राहुल गांधी जब सरकार में ते तब उन्हें तो मनरेगा की परिभाषा का ज्ञान नहीं था. नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उसे हमने प्राथमिकता दी.
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नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e शिखर सम्मेलन में कहा कि राहुल गांधी ने जो मनरेगा को लेकर सुझाव दिए हैं, वह बिल्कुल गैर-जिम्मेदाराना है. राहुल गांधी जब सरकार में ते तब उन्हें तो मनरेगा की परिभाषा का ज्ञान नहीं था. नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उसे हमने प्राथमिकता दी.
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों ने अनुशासन का परिचय दिया है. ग्रामीण भारत मजबूती से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है. जब फसल कटाई के लिए खड़ी थी तो उसके बाद भी लोगों ने तमाम कठिनाईयों के बावजूद फसल को काटा. जब लॉकडाउन घोषित हुआ तो उनकी प्राथमिकता में गांव, गरीब और किसान ही थे. इसलिए गरीबों को खद्यान मिले उन्हें आर्थिक मदद मिले, सरकार ने यह सुनिश्चित किया.
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नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e शिखर सम्मेलन में कहा कि फसल को बेचने के लिए केंद्र सरकार ने अपने दोनों एजेंसिया एफसीआई और नेफेड को तैनात किया. लॉकडाउन 2 में ग्रामीण भारत को काम करने की इजाजत मिल गई थी. मनरेगा, ग्रामीण सड़क योजना आदि का काम शुरू हो गया है.
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत वर्ष का ग्रामीण इलाका कोरोना वायरस से सिर्फ आंशिक रूप से ही प्रभावित है. जो लोग बाहर से आ रहे हैं, सिर्फ उन्हीं में कुछ जगहों पर पुष्टि हुई है.
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सेलेक्ट ग्रुप के अर्जुन शर्मा ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में कहा कि इस देश में करीब 1600 शॉपिंग सेंटर हैं. छोटे-बड़े मिलाकर. हमलोगों की एक संस्था है शॉपिंग सेंटर एसोसिएशन. इस संस्था ने भारत सरकार को सुझाव वाला एक पत्र सौंपा है. इसमें मॉल में कैसी व्यवस्था हो, कैसे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो. सब कुछ बताया गया है.
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राहुल सराफ ने कहा कि मॉल लोगों के मन में एक सुरक्षा का भाव देता है. लोगों का भय यहां खत्म होगा. यहां सेफ्टी अधिक है.
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कोरोना वायरस संकट के बीच एबीपी न्यूज़ ने 'e-शिखर सम्मेलन' आयोजित किया है. द फोरम ग्रुप के एमडी राहुल सराफ ने कहा कि हम सभी लॉकडाउन में हैं. सरकार ने कुछ क्षेत्रों में अनुमति दी है. हमारा कहना है कि हमें लंबे समय तक कोरोना वायरस के साथ जीना है. शॉपिंग मॉल एक ऐसी जगह है जहां व्यवस्थित ढंग से लोग सामान खरीद सकते हैं.
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फिनिक्स मॉल के प्रेसीडेंट (वेस्ट) राजेंद्र केलकर ने कहा कि मॉल की इंडस्ट्री एक बड़ी इंडस्ट्री है. मॉल काफी जॉब जेनरेट करता है. सवा करोड़ लोगों के रोजगार को प्रभावित कर रहा है. मॉल में सही ढंग से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सकता है.
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डॉ. रणदीप गुलेरिया के बयान पर संगीता रेड्डी ने कहा- हमने लॉकडाउन का इस्तेमाल बहुत अच्छे से किया है. इसी का नतीजा है कि भारत में केस दुनिया के बहुत से बड़े देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण से सच है कि कोरोना का पीक अभी आने वाला है. हम कोई आंकड़ा नहीं दे सकते लेकिन यह एक लाख से ज्यादा भी हो सकता है. लेकिन जो महत्वपूर्ण बात है मौत का आंकड़ा कम से कम रहे. पूरा स्वास्थ्य अमला बहुत अच्छे से काम कर रहा है.
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संगीता रेड्डी ने कहा- मेरा अनुमान है कि आने वाले समय में हेल्थ केयर पर बजट बढ़ेगा. नीति आयोग में इस पर चर्चा भी रही है. प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम की परेशानी कोई नहीं समझ रहा. प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम पर लॉकडाउन का बहुत ज्यादा असर पड़ा है. वे बिना किसी मदद के अपना खर्च उठा रहे हैं.
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संगीता रेड्डी ने कहा- जिन भी दवाओं के ट्रायल की बात हो रही है, उसे उम्मीद की तरह देखना चाहिए. हमें ध्यान में रखना चाहिए कि यह वायरस बहुत नया है. हम इलाज के नए नए तरीके खोज रहे हैं. एक और ध्यान रखनी है कि अगर 100 लोगों वायरस असर करता है तो 85 लोगों बिना अस्पताल जाए ही ठीक हो जाते हैं. इंडिया में मृत्यु दर बहुत तेजी से कम हो रही है, इसका मतलब हेल्थ केयर सिस्टम बहुत अच्छे से काम कर रहे हैं. कोरोना से लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं है, हमें मिलकर लड़ना होगा. यह समाज के किसी एक हिस्से की जिम्मेदारी नहीं, मिलकर सबो जिम्मेदारी उठानी होगी. तभी हम वापस अपनी पुरानी लाइफ स्टाइल में जा पाएंगे.
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अर्थव्यवस्था पर चर्तचा के सबसे बड़े मंच एबीपी ई शिखर सम्मेलन में अब अपोलो अस्पताल की ज्वाइंट एमडी संगीता रेड्डी जुड़ गयी हैं. संगीता रेड्डी ने कहा- यह बात सही है कि सरकार का खर्चा हेल्थ सेवाओं पर कम हैं और इसे बढ़ाना चाहिए. हमें प्राथमिक स्वास्थ्य को बेहतर करने की जरूरत है. आयुषमान भारत एक अच्छी योजना थी, इसमें सभी का हेल्थ इंश्योरेंस और प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने की बात थी. अगर प्राथमिक हेल्थ बेहतर हो और सभी का हेल्थ इंश्योरेंस हो तो हमें अच्छे नतीजे मिलेंगे.
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प्रवासी मजदूरों के सवाल पर जयंत सिन्हा ने कहा- मैं अभिषेक जी को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमने देश हित में ही कदम उठाए हैं और आगे भी उठाएंगे. हमें 2019 के चुनाव में ही दिख गया कि विश्वास किस पर है ? आप भविष्य को लेकर भी विश्वास रखें, सब अच्छा होगा. जहां तक संघीय ढांचे का सवाल है, जो कानून ढांचे का मामला है वहां NDMA एक्ट के तहत वही कर रहे हैं जिसका अधिकार है. लेकिन जहां तक स्वास्थय का मामला है, रहने का मामला है खाते का मामला है यह सब राज्य सरकार का काम है. जहां प्रवासी मजदूरों की बात है, जहां जहां बीजेपी की सरकार है वहां मजदूर अपने घऱ पहुंच गए हैं. झारखंड में मैंने 48 हजार मजदूरों की सूची मुख्यमंत्री को दी लेकिन वो नहीं ला पा रहे.
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अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- देश आज की बात करता है, कल और परसों की बात का समय है. जिन प्रदेशों की बात कर रहे हैं उस हिसाब से आप खुद मान रहे हैं कम पैसा खर्च हुआ है. प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग में मुख्यमंत्रियों ने कहा कि जीएसटी का पैसा दिया जाए. राज्यों के पास पैसा नहीं है. दिल्ली सरकार ने कहा कि है कि अगर शराब की दुकान के आगे लाइनें लग रही हैं तो हम यह ना करें तो क्या करें. केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के तुगलकी फरमान के अलावा क्या किया. राज्यों से कहा कि भेजना चाहते हो तो भेज दो. लेकिन इसके लिए राज्यों को कितना पैसा दिया गया ? केंद्र ने संघीय ढांचे का हक तो ले लिया लेकिन उत्तरदायित्व कौन लेगा?
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जयंत सिन्हा ने कहा- जहां तक जापान और सिंगापुर की बात है तो उन्होंने घोषणा जरूर की है लेकिन खर्चा नहीं किया है. हमने लोगों के बैंक खातों में पैसा भेजना शुरू कर दिया है. राज्य सरकारों ने भी काफी खर्चा किया है, केंद्र से ज्यादा राज्य सरकारें खर्च कर रही हैं. ठोस कदम उठाए जे रहे हैं, काफी खर्चा हो चुका है और आगे भी काम हो रहा है. जमीनी हकीकत सिर्फ घोषणाओं तक नहीं है. अभिषेक जी ने मौद्रिक नीति की बात कही. आरबीआई, केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. मध्य प्रदेश ने लेबर लॉ में काफी बड़े बदलाव किए हैं.
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अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- अगर आप केस के नंबर सातवें नंबर पर हैं तो यह गंभीर मामला है. कोरोना के केस में दिन दुगनी रात चौगनी तरक्की कर रहे हैं. मौद्रिक नीति की कई सीमाएं होती हैं. लोग लोन नहीं ले रहे हैं. अर्थव्यवस्था को राजकोषीय इंजेक्शन की जरूरत है. लोग लोन नहीं ले रहे हैं आंकड़े इसकी बात कह रहे हैं. मार्केट में डिमांड ही नहीं है इसलिए लोग लोन नहीं लेंगे.
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जयंत सिन्हा ने कहा- अभिषेक जी का जो विश्लेषण है वो परिस्थिति के हिसाब से गलत है. यह कहना कि किसी भी देश ने इतना खर्च किया है हमें भी उतना खर्च करना चाहिए वो गलत है. जिन देशों ने बड़े बड़े पैकेज का एलान किया है वो इस महामारी को कंट्रोल करने में नाकाम रहे हैं. अगर हम लोग दूसरे देशों से तुलना करें जो सफल रहे हैं तो यह भारत जैसा ही है.
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कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- हमारी पार्टी जो कह रही है वो सकारात्मक दृष्टिकोण से कह रही है. किसी प्रधानमंत्री को किसी भी समय इतना समर्थन नहीं मिला होगा जितना आज मिला है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं जो मांग जायज उसे नहीं का जाए. लॉकडाउन अलग चीज है और आर्थिक पैकेज अलग चीज है. लॉकडाउन किसी भी तरह का कोई हल नहीं है, इसका आर्थिक पैकेज से कोई लेना देना नहीं. दुनिया के तमाम देशों ने अपनी जीडीपी का बहुत बड़ा हिस्सा दिया. हमने मांग की कि जीडीपी का कम से कम 5% तो दो.
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जयंत सिन्हा ने कहा- जहां तक लॉकडाउन से निकलने के प्लान का सवाल है उसका जवाब लॉकडाउन 3.0 के साथ ही आ चुका है. राज्यों को तय करना है कि कौन से जोन रेड जोन हैं और कहां छूट देनी है. दिल्ली में कंटेनमेंट जोन में आ गए हैं. जहां जहां केस नहीं आ रहे हैं वहां हम इलाके खोलते जा रहे हैं. सरकार की ओर से लगातार आर्थिक राहत देने का काम किया जा रहा है. जहां जहां जरूरत है वहां राहत दी जा रही है.
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बाबुल सुप्रियो के बाद बीजेपी नेता जयंत सिन्हा और अभिषेक मनु सिंघवी एबीपी ई शिखर सम्मेलन से जुड़ गए हैं. बीजेपी में जाने के सवाल पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस तरह के सवालों का जवाब देने का मतलब कि और उलझना. हां बोलो तो तीन और सवाल और ना बोलो तो दो और सवाल. इसलिए मैं इसमें पड़ना ही नहीं चाहता, आप मेरे ट्वीट्स देख लीजिए.
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बाबुल सुप्रियो ने कहा- बंगाल से तस्वीरें आ रही हैं जहां डॉक्टर्स पीपीई किट्स पहने हुए हैं और लाशों को जला रहे हैं. पुलिस को लॉकडाउन की कोशिश करने के लिए पीटा जा रहा है. कई जिलों में लॉकडाउन को लागू नहीं किया गया. वहां रमजान के चलते दीदी का तुष्टिकरण जारी है. दीदी जो बोल रही हैं वो झूठ है. ममत दीदी की तकलीफ यह है कि वो खुद को स्पेशल समझती हैं.
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बाबुल सुप्रियो ने कहा- बंगाल में टेस्टिंग केस पड़े हैं लेकिन सैंपल नहीं भेजे जा रहे. पश्चिम बंगाल में टेस्टिंग कम हैं. ममता बनर्जी खुद को स्पेशल समझती हैं. देश के औसत के मुकाबले बंगाल में ज्यादा तर्क हैं. बंगाल में कम केस इसलिए आए क्योंकि वहां टेस्टिंग ही नहीं हो रहे. ममत सरकार कोरोना के आंकड़े छिपा रही है. ममता बनर्जी ने बिना किसी काम के दो-दो कमेटी बना दीं.
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बंगाल में कोरोना के आंकड़ों को लेकर छिड़े विवाद पर बाबुल सुप्रियो ने कहा- कोई भी विषय हो उसमें बंगाल अलग से उभर कर आता है. इसके लिए हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मानसिकता जिम्मेदार है. ममता बनर्जी ट्वीट करती हैं कि हम बंगाल के सिटिजन को इस काम के लिए बधाई देते हैं. उन्हें पता होना चाहिए सिटिजन देश के होते हैं और बंगाल के बंगाल के रहने वाले हैं. उनकी कोशिश है कि पूरी दुनिया एक तरफ रहे और बंगाल एक तरफ रहे. इसे लागू करने के चक्कर में देश में कोरोना का आंकड़ा अलग है और बंगाल में अलग है.
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बाबुल सुप्रियो ने कहा- कभी कभी सिस्टम को क्लीन करने के लिए जो बड़ी बड़ी कंपनियां चलाने वालों की तरफ से भी ध्यान दने की जरूरत है. सिंगापुर में बहुत ज्यादा जुर्माने लगते हैं लेकिन क्या हम भारत में ऐसा कर सकते हैं. लेकिन इन कंपनियों की कैटगरी बनाने के लिए परसों जो मीटिंग हुई थी उसमें चर्चा की गई. कई बार कंपनियां स्टेट और केंद्र के चक्कर में अपनी नैतिकता को गंवा रहे हैं. इस वक्त पर्यावरण साफ हो गया है, इसलिए हमें आगे भी ध्यान रखने की जरूरत है.
बाबुल सुप्रियो ने कहा- कभी कभी सिस्टम को क्लीन करने के लिए जो बड़ी बड़ी कंपनियां चलाने वालों की तरफ से भी ध्यान दने की जरूरत है. सिंगापुर में बहुत ज्यादा जुर्माने लगते हैं लेकिन क्या हम भारत में ऐसा कर सकते हैं. लेकिन इन कंपनियों की कैटगरी बनाने के लिए परसों जो मीटिंग हुई थी उसमें चर्चा की गई. कई बार कंपनियां स्टेट और केंद्र के चक्कर में अपनी नैतिकता को गंवा रहे हैं. इस वक्त पर्यावरण साफ हो गया है, इसलिए हमें आगे भी ध्यान रखने की जरूरत है.
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केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा- किसी हादसे की वजह से भारत के पास मौके आ गए हैं यह कहना गलत होगा. चीन कई सालों से विश्वनीयता खो रहा है, दुनिया का चीन पर भरोसा घटा है. परसों हमने एक मीटिंग की थी और उसमें हमने चर्चा की पर्यावरण क्षेत्र में कौन कौन से ऐसे कानून हैं जिन्हें हम खत्म कर सकता हैं. सरकार निवेश पर काम कर रही है. हम इंवायोमेंट क्लीयरेंस को लेकर हम काम कर रहे हैं, इसे हम सिंगल विंडो में लेकर जा रहे हैं.
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कोरोना काल में एक तरफ जान बचाने की चुनौती है तो दूसरी तरफ रोजी-रोटी और अर्थव्यवस्था का संकट है. इस संकट से निकलने का रोडमैप क्या है इसी पर बात करने के लिए e शिखर सम्मेलन में अगले मेहमान होंगे केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो.
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राहुल गांधी के बयान पर नितिन गडकरी ने कहा- राहुल गांधी जो कह रहे हैं वो हमारी सरकार पहले ही कर चुकी है. लोगों के खाते में पैसे डाले गए हैं. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 35 करोड़ खातों में पैसा भेजा गया है. जो भी पैसा गया है लेकिन लोगों की अपेक्षा ज्यादा है. संकट के समय सरकार को सभी को साथ लेकर चलना है. इस वक्त सबसे महत्वपूर्ण यही है. राहुल गांधी को क्या बोलना है और क्या नहीं यह उन्हें तय करना है. लेकिन हमें मिलकर करना है यह जरूरी है.
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महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति को लेकर नितिन गडकरी ने कहा- मीडिया में इस तरह की चर्चा की करने की कोई जरूरत नहीं है. यह उचित समय भी नहीं है. अगर कहीं गलती नजर आती है तो मैं मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को फोन करके बताता हूं. महाराष्ट्र और मुंबई संकट में हैं. हम सब लोग इस पर मिलकर काम कर रहे हैं और जल्द ही इस संकट से उबर कर आएंगे.
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राज्यों के साथ समन्वय के सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा- राजनीति अपनी जगह है और इस वक्त जो संकट है वो अपनी जगह है. संकट से निपटने और फिर भारत को सुपरपावर बनाने में कोई राजनीतिक मतभेद नहीं हो सकते हैं. हम कोई किसी भी तरह के भेदभाव से उठकर बात करते हैं. मैं महाराष्ट्र में हूं, हर दो तीन दिन में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से बात करता हूं. अपने सुझाव देता हूं. प्रधानमंत्री जी भी मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं.
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नितिन गडकरी ने कहा- हम बड़े पैमाने पर काम करेंगे, बाजार में पैसा आएगा तो दिक्कतें कम होंगी. इस वक्त संकट विश्व में भी है और भारत में भी है. जापान की सरकार ने एक पैकेज का एलान किया. जापान के प्रधानमंत्री ने जो उद्योग चीन में लगे हैं उन्हें अगर बाहर लगाया जाता है तो उसके लिए पैकेज का एलान किया है. यह विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा संकेत है. इसलिए पूरे विश्व में चीन के रवैये के प्रति बहुत नाराजगी है. चीन इस वक्त बड़ी सुपरवापर है लेकिन ऐसी स्थिति में जो हो रहा है इसका फायदा लेने का अवसर सबसे ज्यादा भारत के पास है. इस वक्त आर्थिक लड़ाई अहम है. हम निवेश लाने पर पूरा जोर दे रहे हैं.
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सार्वजनिक परिवहन के सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा- अभी पैसेंजर ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बंद है. आने वाले दस दिन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट चालू हो जाएगा. दुकानें भी धीरे धीरे चालू हो रही हैं. पैसेंजर ट्रांसपोर्ट को लेकर गाइडलाइंस बनाने पर भी विचार हो रहा है. हमारा विभाग इन गाइड लाइंस का पालन करेगा.
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नितिन गडकरी ने कहा- कोरोना की वैक्सीन अभी तक नहीं बनी है, और मरीजों की पहचान भी अभी मुश्किल है. इसलिए हम इस समस्या का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं. पूरी दुनिया के सामने इस तरह का संकट आया है. मजदूरों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए काम करना शुरू कर दिया है.
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नितिन गडकरी ने कहा- लोग अभी डरे हुए हैं, इसलिए उन्हें आत्म विश्वास देने की जरूरत है. यह आत्मविश्वास मीडिया, जननेता और सरकार कर सकती है. हम यह लड़ाई जीतेंगे यह आत्मविश्वास देना होगा. कोरोना को हम हराएंगे. कोरोना में रहते हुए हमें कैसे रहना है, इस जीवन पद्दति को सीखना होगा.
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प्रवासी मजदूरों के पलायन को लेकर नितिन गडकरी ने कहा- हमारे पास प्रवासी मजदूरों को लेकर भी योजनाएं हैं. धीरे धीरे सभी कामों को शुरू करने का प्रयास हो रहा है, काम शुरू होंगे को पलायन भी रुकेगा. इस दिशा में काफी प्रगति भी हुई है. रोजगार शुरू करना हमारी प्राथमिकता है.
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नितिन गडकरी ने कहा- सरकार उद्योगों और सभी सेक्टर की मदद करने की योजना बना रही है. जल्द से जल्द इसे लेकर सरकार इसका एलान करेगी. जो चिंताएं हैं उनको लेकर जल्द ही समाधान निकाला जाएगा. जापान और यूएसए की अर्थव्यवस्था से भारत की तुलना नहीं करनी चाहिए.
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नितिन गडकरी ने कहा- हमारी भी अपनी मर्यादा है, इस लिए आज सभी लोग संकट में हैं. कुछ राज्य सरकार ऐसी हैं जिनके पास आज सैलरी देने के पैसे नहीं हैं. भारत सरकार को भी राजस्व का नुकसान हुआ है. इसलिए सबको साथ लेकर और सुरक्षित आगे जाना है. हमें ध्यान रखना है कि सभी को सुरक्षित रखा जाए कोई फिसल ना जाए.
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नितिन गडकरी ने कहा- प्रधानमंत्री जी ने एक लाख अस्सी हजार करोड़ के पैकेज का एलान किया है. हमने अनाज के भंडार खोल दिए हैं. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत लेबर के अकाउंट में पैसे जमा हुए हैं. 31 मार्च तक 6 लाख एमएसएमकी को रीस्ट्रक्चर किया है. इसके साथ ही वर्किंग कैपिटल 20% बढ़ा है. जीएसटी और इनकम टैक्स के रिटर्न समय से देने का फैसला किया गया है. बड़े उद्योगों के लिए भी सरकार कदम उठा रही है. मेरा विश्वास है कि सरकार उद्योगपतियों, लेबर और सभी के साथ है.
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एबीपी न्यूज़ के e शिखर सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जुड़ गए हैं. अपने मंत्रालय सड़क परिवहन, एमएसएमई के रिवाइवल को लेकर पूछे सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा- पूरा विश्व इस वक्त कोरोना से लड़ रहा है. हमारी प्राथमिकता है कि पहले कोरोना को हराएं. इसके लिए हम सबको प्रयास करना होगा. कोरोना को तो हम हराएंगे ही. जल्द ही हमें इसकी वैक्सीन भी मिलेगी. कोरोना का असर उद्योग भी जगत पर पड़ा है, इंडस्ट्री बंद हुई हैं. हम धीरे धीरे काम काम शुरू कर रहे हैं. हाईवे और पोर्ट शुरू हो गए हैं. धीरे धीरे इंडस्ट्री भी शुरू करेंगे. रोजगार को सुरक्षित कर सकें तो हमारे लिए बड़ी जीत होगी. कोरोना की गाइडलाइंस को मानें तो इंडस्ट्री शुरू करने में मदद मिलेगी.
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