ABP C Voter Survey: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अजित पवार के बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल होने और उपमुख्यमंत्री पद लेने के बाद महाराष्ट्र का सियासी माहौल गर्म है. अजित पवार ने पार्टी पर भी अपना दावा ठोंक दिया है, जिसके बाद चाचा शरद पवार और उनके बीच ठनी हुई है. वहीं, शरद पवार ने फिर से पार्टी खड़ी करने का दावा किया है. एनसीपी में शुरू हुए इस सियासी ड्रामे पर देश भर की निगाहें हैं, लेकिन जनता इस बारे में क्या सोचती है, ये जानने के लिए एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने एक सर्वे किया है, जिसमें चौंकाने वाले जवाब आए हैं.


गुरुवार और शुक्रवार को किए गए इस सर्वे में जनता से सवाल पूछा गया था कि क्या अजित पवार ने जो किया, उसके पीछे शरद पवार हैं. इस सवाल के जवाब में 49 प्रतिशत लोगों ने 'नहीं' कहा है. 37 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनका मानना है कि इसके पीछे शरद पवार ही हैं. 14 प्रतिशत लोगों ने अपनी कोई राय नहीं रखी और 'पता नहीं' में जवाब दिया.


83 की उम्र में पार्टी खड़ी कर पाएंगे शरद पवार?


भतीजे अजित पवार के उम्र पर सवाल और रिटायरमेंट की सलाह पर शरद पवार ने कहा है कि वे 83 की उम्र में भी तैयार हैं. इस पर जनता से पूछा गया कि शरद पवार महाराष्ट्र में घूमकर पार्टी को फिर से खड़ी करने का दावना कर रहे हैं, क्या लगता है कि 83 की उम्र में ऐसा कर पाएंगे? 57 प्रतिशत लोगों ने इसका जवाब 'हां' में दिया है. 37 प्रतिशत लोग ऐसा मानते हैं कि शरद पवार ऐसा नहीं कर पाएंगे. 6 प्रतिशत लोगों की कोई राय नहीं है और वे 'पता नहीं' ऑप्शन के साथ गए हैं.


एनसीपी का असली प्रमुख कौन?


सर्वे में लोगों से ये भी पूछा गया कि आपके हिसाब से एनसीपी का असली प्रमुख कौन है? शरद पवार के पक्ष में सबसे ज्यादा 66 प्रतिशत लोग हैं, जिन्होंने अपना जवाब दिया है. 25 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अजित पवार असली पार्टी प्रमुख हैं. 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं पता.


नोट- देश में सियासी माहौल गर्माया हुआ है. महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट के बाद abp न्यूज़ के लिए सी वोटर ने त्वरित सर्वे किया है. महाराष्ट्र में 1 हजार 790 लोगों से बात की गई है. बिहार में भी राजनीतिक उठापटक जारी है. इसको लेकर भी सी वोटर ने बिहार भर में त्वरित सर्वे किया है. बिहार में 2 हजार 575 लोगों से बात की गई है. सर्वे गुरुवार और शुक्रवार को किया गया है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.