कोलकाताः पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई है. पिछले कुछ हफ्तों से अब्बास सिद्दीकी की सीपीएम और कांग्रेस के साथ सीट के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही थी. वहीं इस मामले में बात आगे नहीं बढ़ी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब्बास सिद्दीकी करीब 70 सीटों की मांग कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस-सीपीएम की गठबंधन अब्बास को 50 से कम सीटों में उम्मीदवार देने के लिए कह रही थी.

सीपीएम-कांग्रेस गठबंधन के साथ जुड़ने वाली है इंडियन सेक्युलर फ्रंट कैसे और किस शर्त पर चुनाव लड़ेगी इसकी घोषणा आज सुबह 11 बजे फुरफुरा शरीफ में हो सकती है. वहीं अब्बास सिद्दीकी 28 फरवरी को सीपीएम और कांग्रेस के साथ ब्रिगेड रैली के बारे में भी कल बात करने वाले है.

बता दें कि कुछ दिन पहले ही इस महीने कि शुरुआत के साथ ही बंगाल कांग्रेस के नेता अब्दुल मन्नान ने फुरफुरा शरीफ के चीफ अब्बास सिद्दिकी के साथ गठबंधन की बात कही है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे खत में उन्होंने कहा कि लेफ्ट और कांग्रेस की गठबंधन में फुरफुरा शरीफ को भी शामिल किया जाए.

उन्होंने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में इस बात का जिक्र किया था कि कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन में इंडियन सेकुलर फ्रंट को भी शामिल किया जाए. वहीं इंडियन सेकुलर फ्रंट के चीफ अब्बास सिद्दिकी है. वहीं इस चिट्ठी में इस बात का उल्लेख किया गया था कि बंगाल प्रदेश कांग्रेस मान रही है कि लेफ्ट-कांग्रेस और इंडियन सेकुलर फ्रंट की गठबंधन होने पर इस चुनाव में कुछ अलग देखने को मिल सकता है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ दरगाह के एक प्रभावशाली मौलाना अब्बास सिद्दीकी ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक नया राजनीतिक संगठन ‘इंडियन सेकुलर फ्रंट’ (आईएसएफ) बनाने की घोषणा की थी. पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है. वहीं उन्होंने बीजेपी को रोकने के लिए सीपीएम और कांग्रेस के साथ गठबेधन को स्वीकार किया है.

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