AAP National Party Status: राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के बाद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) के सामने अब कई सारी चुनौतियां है. इस बीच पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती तो 2024 का लोकसभा चुनाव है लेकिन इस इलेक्शन से पहले ही आप को को कई सारी परीक्षाओं से होकर गुजरना है. 


इस वक्त आप का पूरा ध्यान कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव, जालंधर लोकसभा सीट पर उपचुनाव और उत्तर प्रदेश के निकाय इलेक्शन लड़ने पर है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लगता है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले अगर इन चुनाव में पार्टी ने अपनी मज़बूती दिखा दी तो इसका सीधा फ़ायदा लोकसभा चुनाव में ज़रूर मिलेगा. जिस तरह से पार्टी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है, उससे भी ये साफ हो जाता है कि आगामी आम चुनाव में पार्टी बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. यही वजह है कि  पार्टी आने वाले दिनों में होने वाले इलेक्शन पर ज़्यादा फ़ोकस कर रही है.


जालंधर लोकसभा सीट क्यों अहम है?
सबसे पहले बात करें जालंधर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तो ये सीट आप के लिये सबसे अहम मानी जा रही है. वो इसलिए क्योंकि इससे पहले पंजाब के संगरूर में हुए लोकसभा उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और अगर जालंधर सीट पर भी पार्टी जीत नहीं हासिल कर पाई तो इसका खामियाजा 2024 में पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर झेलना पड़ेगा. 


आप को इस वक़्त लोकसभा चुनाव में सबसे ज़्यादा उम्मीद पंजाब से ही है. वो इसलिए क्योंकि पंजाब में सरकार बनने के बाद से ही  पार्टी यह मानकर चल रही है कि पंजाब से ही सबसे ज़्यादा लोकसभा सीटें पार्टी हासिल कर सकती है. यही वजह है कि जालंधर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए खुद आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जोर-शोर से प्रचार कर रहे है. वहीं इस बीच सबसे अहम बात ये कि पूरे इलेक्शन की कमान ख़ुद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ही संभाल रखी है.


उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर क्या प्लान है?
दूसरा आप की नजर उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव पर भी है. दरअसल आप पिछले कुछ सालों से लगातार यूपी में अपनी एंट्री की कोशिशों में लगी हुई है, लेकिन अब तक पार्टी कुछ खास सफलता हासिल नहीं हो पाई. इस बार पार्टी को उम्मीद है कि इन निकाय चुनाव के ज़रिए पार्टी राज्य में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो जाएगी. दरअसल आप तो लगता है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के बाद से पार्टी को एक बड़ी पहचान मिली है और इसका ही फ़ायदा निकाय चुनाव में पार्टी को मिलेगा. यही वजह है कि पार्टी ने इस चुनाव के लिए भी अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर दी है. 


पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह लगातार प्रदेश के दौरे पर हैं तो वही दिल्ली के करीब 25 विधायकों को प्रचार-प्रसार के लिए भी लगाया जाएगा. साथ ही पार्टी शिक्षा और स्वास्थ्य और हाउस टैक्स हाफ और वाटर टैक्स माफ  से जुड़े मुद्दे के साथ लोगों के के बीच जगह बनाने की पुरज़ोर कोशिश करेगी.


अरविंद केजरीवाल कर्नाटक का करेंगे दौरा
आप कर्नाटक चुनाव में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. कर्नाटक की सभी विधानसभा सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ रही है. कर्नाटक में भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार कई रोड शो और जनसभाएं कर चुके हैं. साथ ही सीएम अरविंद केजरीवाल भी आने वाले दिनों में राज्य में कई चुनावी दौरे करते हुए नज़र आएंगे. इतना ही नहीं पार्टी ने अपने सभी बड़े चेहरों को भी स्टार प्रचारक के तौर पर पूरे चुनावी अभियान में उतारने की तैयारी कर दी है.


पार्टी की चुनाव लड़ने की रणनीति पर आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद कुछ जिम्मेदारियां बढ़ जाती है. इस कारण पूरे देश भर में लोग उम्मीद करते हैं कि पार्टी चुनाव लड़े. लेकिन हम लोग पहले सर्वे कराते हैं और फिर सर्वे के आधार पर ही तय करते हैं कि कहां चुनाव लड़ना चाहिए और कहाँ नहीं.


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