Amanatullah Khan Bail Petition Dismissed: आम आदमी पार्टी  (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) को सोमवार (11 मार्च) हाई कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दर्ज की गई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में खान को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है.


वक्फ बोर्ड में कथित गड़बड़ी को लेकर अमानतुल्लाह खान पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया गया है. इस मामले में आप विधायक ने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान की याचिका नामंजूर कर दी है.


'ईडी के कई समन के बावजूद जांच में सहयोग नहीं'


दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने आप विधायक द्वारा लगाई गई जमानत याचिका को खारिज करने के साथ ही उनके रवैये पर भी सवाल खड़ा किया. जस्टिस ने इस बात पर ध्यान खींचा कि इस मामले में पूछताछ के लिए ईडी के कई समन के बाद भी अमानतुल्लाह खान केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए. वह जांच में शामिल नहीं हुए हैं.


न्यायाधीश ने कहा, 'बार-बार जांच एजेंसी के समन को नजरअंदाज करना जांच में रूकावट पैदा करने के समान है. जांच में खलल पैदा करना प्रशासन के न्याय में खलल पैदा करने जैसा है और इसे अनुमति देने पर क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर विश्वास को कम करता है. इससे अराजकता पैदा होती है.' कोर्ट ने कहा कि विधायक कानून से ऊपर नहीं है.


'लोगों को सच जानने का अधिकार'


सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने आगे कहा, 'लोगों को सच जानने का अधिकार है. एक पब्लिक फिगर का जांच एजेंसी के साथ सहयोग करना कर्तव्य है. इसकी वजह है कि लोगों को जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोपों की सच्चाई जाने का हक है.'


क्या है मामला?
वक्फ बोर्ड में गड़बड़ी मामले में ईडी ने हाल ही में दायर आरोप पत्र में अमानतुल्लाह खान के तीन संदिग्ध सहयोगी - जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी भी शामिल हैं. अक्टूबर में अमानतुल्लाह खान और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी के बाद ईडी ने दावा किया था कि आप विधायक ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से कैश के रूप में भारी कमाई की और उसे उसके साथियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने में निवेश किया.


ईडी ने कहा कि 2018-2022 के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देने और कर्मचारियों की अवैध भर्ती के मामले में जमकर रुपये की वसूली हुई. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला सीबीआई की एफआईआर और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों के आधार पर शुरू हुआ है. छापेमारी के दौरान कई सबूत भी बरामद हुए हैं.


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