EWS Quota SC Verdict : आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को बरकरार रखे जाने पर बीजेपी नेताओं ने इसे देश के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के मिशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत करार दिया. बीजेपी ने न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज द्वारा दिए गए एक बयान को लेकर उनकी आलोचना करते हुए कहा कि इसने विपक्षी दल की गरीब विरोधी मानसिकता को बेनकाब कर दिया है. उदित राज ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट जातिवादी है. 
भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि यह न्यायालय की अवमानना है, और अदालत को उदित राज के खिलाफ कार्यवाही शुरू करनी चाहिए. हालांकि, कांग्रेस ने भी न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. एक आधिकारिक बयान में पार्टी ने दावा किया कि ईडब्ल्यूएस (Economically Weaker Sections) आरक्षण 2005-06 में मनमोहन सिंह (UPA )सरकार द्वारा सिन्हा आयोग की नियुक्ति के साथ शुरू की गई प्रक्रिया का नतीजा है.


सामाजिक न्याय प्रदान करने के मिशन में मोदी की एक और जीत है


आयोग ने जुलाई 2010 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. वहीं, संसद ने बीजेपी सरकार द्वारा लाए गए संविधान संशोधन विधेयक को 2019 में पारित किया था. बीजेपी महासचिव बीएल संतोष ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने अनारक्षित वर्गों के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा है. गरीब कल्याण की दृष्टि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और बड़ा श्रेय जाता है. सामाजिक न्याय की दिशा में एक और बड़ा कदम है." इस विचार पर सहमति व्यक्त करते हुए बीजेपी महासचिव सीटी रवि ने कहा कि यह फैसला भारत के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के “मिशन” में मोदी की एक और जीत है.


उदित राज ने  ट्वीट कर अपनी बात रखी


सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उदित राज ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट जातिवादी है, क्या अब भी कोई शक है! ईडब्ल्यूएस आरक्षण की बात आई, तो वह 50% सीमा की संवैधानिक बाध्यता के अपने रुख से पलट गया, लेकिन जब भी एससी/एसटी/ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को आरक्षण देने की बात आती थी, तो इंदिरा साहनी मामले में निर्धारित 50% की सीमा का हवाला दिया जाता रहा.’’


गौरव भाटिया ने उदित राज की टिप्पणी को अपमानजनक  बताया


भाटिया ने उदित राज की टिप्पणी को अपमानजनक करार दिया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या यह उनकी पार्टी का भी रुख है? उन्होंने कहा कि उदित राज ने पूर्व में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी निशाना बनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस को शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को 3:2 के बहुमत वाले फैसले से सोमवार को बरकरार रखा. न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता. 


ये भी पढ़ें : ABP C-Voter Opinion Poll: MCD चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या? ओपिनियन पोल में पब्लिक ने बताया