Bihar Politics: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और आरसीपी सिंह  (RCP Singh) कभी एक दूसरे के सबसे करीबी और सबसे भरोसेमंद साथी थे. अब दोनों नेताओं में सियासी अदावत शुरू हो गई है. वो कहा जाता है न जब दोस्ती दुश्मनी में बदलती है तो उसकी शोर सड़कों पर सुनाई देती है. कुछ ऐसा ही नीतीश (Nitish Kumar) और आरसीपी सिंह के सियासी कलह में देखने को मिला है. ये बात तब की है जब जेडीयू के कद्दावर नेताओं में से एक आरसीपी सिंह (RCP Singh) का राज्यसभा (Rajya Sabha) कार्यकाल पूरा हुआ. आरसीपी सिंह को जेडीयू (JDU) ने तीसरी बार राज्यसभा का टिकट नहीं दिया. जिसकी वजह से उनको मोदी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा. अब आरसीपी सिंह ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद से बिहार की सियासत में घमासान मचा हुआ है. चलिए जानते हैं कि आरसीपी सिंह के इस्तीफा देने के बाद से अब तक क्या-क्या हुआ.


उपेंद्र कुशवाहा ने 26 जुलाई को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को जमीन खरीद की लिस्ट के साथ पत्र लिखा था. पूर्व केंद्रीय मंत्री को संबोधित करते हुए, कुशवाहा ने लिखा- नालंदा के 2  दोस्तों ने मुझे लिखित शिकायत की है कि आपने 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति जमा की है. बड़ी अनियमितताएं मालूम होती हैं. 


पार्टी ने आरसीपी सिंह से करप्शन पर मांगा जवाब
उपेंद्र कुशवाहा ने 6 अगस्त को कहा था, 'हमारे नेता नीतीश कुमार ने आप पर विश्वास किया और आपको पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का प्रमुख पद दिया, आपको दो बार राज्यसभा भेजा और आपने केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम किया. आप यह भी जानते हैं कि नीतीश कुमार का लंबा राजनीतिक करियर बेदाग रहा है और उन्होंने अपने लिए कोई संपत्ति जमा नहीं की है. पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि आप अपने खिलाफ शिकायत का बिंदुवार जवाब दें.


आरसीपी सिंह ने जेडीयू से दिया इस्तीफा
कुशवाहा के जवाब में आरसीपी सिंह ने नालंदा में मीडिया से कहा था. 'उन्हें 2 लोगों के हवाले से मुझे लिखने के बजाय सीधे मुझसे (जमीन की खरीद) समझाने के लिए कहना चाहिए था. मेरे खिलाफ एक साजिश है. मैं अभी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.' आरसीपी ने आगे कहा था कि 'जेडीयू डूबता जहाज है. सिर्फ झोला उठाने वाले लोग बचे हैं. मैं कहता हूं इधर आ जाओ केवल हैंगर-ऑन बचे हैं. मैं लोगों को मुझसे जुड़ने की सलाह देता हूं.'


आरसीपी सिंह के बयान पर जेडीयू का पलटवार
वहीं, 7 अगस्त को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरसीपी सिंह पर तगड़ा हमला बोला. साथ ही उन्होंने जेडीयू के डूबने वाले जहाज के बयान पर भी पलटवार किया. ललन सिंह ने कहा, 'जेडीयू डूबता हुआ जहाज नहीं, दौड़ता हुआ जहाज है. ये आने वाला वक्त बताएगा. नीतीश कुमार ने समय रहते जहाज को ठीक कर दिया'. उन्होंने कहा, 'सबको पता है जब जहाज डूबता है तो सबसे पहले कौन भागता है'. उन्होंने आरसीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, वो सत्ता के साथी है. इसलिए छोड़कर भाग गए. 


नीतीश कुमार ने जेडीयू सांसदों की बैठक बुलाई
दूसरी, तरफ सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जेडीयू (JDU) सांसदों की बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि पार्टी के सभी सांसदों को सोमवार (8 अगस्त) शाम तक राजधानी पटना पहुंचने के लिए निर्देश दिया गया है. हालांकि, बैठक किस मुद्दे पर होगी इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पायी है. वहीं, बिहार के सियासी हलाकों में इस बात की चर्चा है कि इस मीटिंग में बीजेपी (BJP) का साथ गठबंधन को लेकर बातचीत हो सकता है. माना जा रहा है कि इस बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहेंगे.


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