Hindi Opposed In Tamil Nadu: तमिलनाडु में हिंदी का विरोध कर रहे एक किसान ने खुद को आग लगाकर जान दे दी. य़े घटना डीएमके ऑफिस के बाहर हुई. थंगावेल नाम के इस किसान ने शनिवार, 26 नवम्बर 2022 की सुबह करीब 11 बजे थलैयार स्थिति डीएमके ऑफिस के बाहर आत्मदाह किया, जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई.


थंगावेल डीएमके के सदस्य थे और वो पार्टी के कृषि संघ आयोजक भी रहे थे. वो हिंदी को शिक्षा का माध्यम बनाने के कदम से परेशान थे और हिंदी के विरोध में वो केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने खुद पर पेट्रोल छिड़कर खुद को आग लगा ली. इससे पहले विरोध करते हुए उन्होंने अपने बैनर पर लिखा था कि मोदी सरकार, केंद्र सरकार, हमें हिंदी नहीं चाहिए. हमारी मातृ भाषा तमिल है, हिंदी विदूषकों की भाषा है. हिंदी भाषा थोपने से छात्रों के जीवन पर असर पड़ेगा.


डीएमके ने विरोध प्रदर्शन करने की दी थी चेतावनी


तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके युवा विंग के सचिव और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेतावनी दी थी कि अगर राज्य में हिंदी थोपी गई, तो उनकी पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी. इसके बाद पार्टी ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी किया था. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पार्टी ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार ने लोगों की भावनाओं की अवहेलना की तो वो इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.


क्या है हिंदी थोपने का मामला?


हिंदी थोपना का विरोध तब शुरू हुआ जब एक संसदीय पैनल ने सिफारिश की कि हिंदी भाषी राज्यों की तरह आईआईटी, तकनीकी और गैर-तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थानों में भी शिक्षा का माध्यम हिंदी देश के अन्य हिस्सों में होना चाहिए. इसके अलावा केंद्रीय भर्तियों की परीक्षाओं में अंग्रेजी की जगह हिंदी का इस्तेमाल करने की सिफारिश भी की गई है. जिसका विरोध हो रहा है.


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