नई दिल्लीः चुनाव आयोग (ईसीआई) की 26 फरवरी को विधानसभा चुनावों की घोषणा करने के बाद से पश्चिम बंगाल में डेली कोरोना वायरस संक्रमण केस 75 गुणा बढ़ गए हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इसको बड़ी राजनीतिक रैलियों से जोड़ रहे हैं जिनमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. पॉजिटिविटी रेट भी 1 फीसदी से बढ़कर लगभग 30 फीसदी हो गई है. 


मंगलवार को राज्य में 16,403 नए मामले सामने आए जबकि 26 फरवरी को 216 नए मामले मिले थे. पॉजिटिविटी रेट भी इसी अवधि के दौरान 1 फीसदी से लगभग 30 फीसदी हो गई है. इसका मतलब है कि टेस्ट किया गया लगभग हर तीसरा व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया है. 


एक्टिव केस की संख्या एक लाख के पार
राज्य में एक्टिव केस की संख्या भी मंगलवार को 100,000 से ज्यादा हो गई. 26 फरवरी को 3,343 एक्टिव केस थे. मंगलवार को रिकॉर्ड 73 मौत हुई जिससे कुल मौतों का आंकड़ा 11,082 हो गया. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भारी भीड़ वाली चुनावी रैलियों को कोविड -19 मामलों के तेजी से बढ़ने को जिम्मेदार ठहराया है.
 
राज्य की एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के महासचिव मानस गुम्ता ने कहा-“चुनाव अभियान में सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ जिसके परिणामस्वरूप राज्य में वायरस का तेजी से प्रसार हुआ. चुनाव आयोग को जल्द से जल्द मतदान प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए. चुनाव प्रक्रिया जितनी लंबी होगी, उतना ही अधिक मामले ज्यादा होंगे हमें संकट से लड़ने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है. ” 


मद्रास हाईकोर्ट ने भी चुनाव आयोग को लगाई थी फटकार
सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को देश में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार बताया था. पिछले हफ्ते, कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी चुनाव प्रचार में कोविड -19 सुरक्षा मानदंडों को लागू करने के लिए पोल पैनल द्वारा उठाए गए उपायों पर असंतोष व्यक्त किया था.
 
आयोग ने 22 अप्रैल को 500 लोगों ज्यादा लोगों की रैलियों पर लगाई रोक
16 अप्रैल को चुनाव आयोग ने रात में चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाया और प्रचार खत्म करने की अवधि 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे किया. 22 अप्रैल को आयोग ने रोड शो और 500 लोगों ज्यादा लोगों की रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया. आठवें चरण के चुनाव के लिए प्रचार सोमवार को समाप्त हो गया.


कोलकाता में अस्पताल के बेड तेजी से हो रहे कम  
कोलकाता में मंगलवार कोरोना सबसे ज्यादा 3708 मामले सामने आए और राज्य की राजधानी के तीन निकटवर्ती जिलों उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा के में 50 फीसदी से अधिक नए मामले सामने आए हैं. 


कोलकाता के सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड तेजी से घट रहे हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को कोलकाता के निजी और सरकारी अस्पतालों में 1500 से कम ही बेड खाली थे. राज्य का स्वास्थ्य विभाग बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ा रहा है.  


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