नई दिल्ली: सेना के पास मौजूद गोला बारूद को लेकर आज राज्यसभा में आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लग गई. समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कैग रिपोर्ट के हवाले से कहा कि सरकार की लापरवाही की वजह से सेना के पास गोला बारूद की कमी है. जवाब में अरुण जेटली ने इस बात को बेबुनियाद बताया. समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने देश के सैनिक साज सामान को लेकर कहा "देश को बचाने के लिए सरकार को जो खरीद करनी चाहिए वह खरीद की जाए और कोई ढिलाई न बरती जाए"


अरुण जेटली ने खारिज किया रामगोपाल यादव का बयान
रामगोपाल यादव के बयान पर संसद में हंगामा मचता, उससे पहले ही रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने उनके आरोप को खारिज कर दिया. जेटली ने रामगोपाल की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा,"भारत के पास भारी तादाद में गोला बारूद मौजूद है, देश को चिंता नहीं करनी चाहिए".


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क्या कहती है CAG की रिपोर्ट ?
बता दें कि सेना के गोला-बारूद को लेकर संसद में जो आरोप-प्रत्यारोप चला, उसकी जड़ में है CAG की वो रिपोर्ट जो तीन दिन पहले मीडिया में सुर्खियां बनी थीं. खबर के मुताबिक CAG ने रिपोर्ट में कहा है कि युद्ध की स्थिति में भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले गोला-बारूद में से 40 फ़ीसदी 10 दिन में ही ख़त्म हो जाएगा. इसके अलावा जंग की हालत में 70 फ़ीसदी टैंक और तोपों के 44 फ़ीसदी गोले 10 दिन में समाप्त हो जाएंगे. जबकि रक्षा मंत्रालय मानता है कि किसी भी हालत में सेना के पास कम के कम 40 दिनों का गोला-बारूद होना चाहिए.


मीडिया में CAG की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरा 
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, "जो बात विपक्षी दल खुलकर कह रहे हैं, उसे सेना इशारों इशारों में कह रही है . दिल्ली में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए सह सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल शरथचंद ने साफ साफ कहा कि चीन और पाकिस्तान से खतरे को देखते हुए जरूरी है कि भारतीय सेना को और मजबूत बनाया जाए".
शरथचंद के मुताबिक चीन और पाकिस्तान राजनैतिक तौर पर, सैन्य तौर पर और अर्थवय्वस्था के तौर पर गठजोड़ कर रहे हैं इसलिए हमें अपनी सुरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनना होगा. यहां आपको बता दें कि कल चीन की सेना के प्रवक्ता वू कियान ने भारत को गीदड़ भभकी देते हुए चीन की सेना को पहाड़ से भी ज्यादा मजबूत होने का दावा किया है.


चीन भले ही अभी बयानबाजी कर रहा हो लेकिन ये भी सच है कि हम उसे हल्के में नहीं ले सकते हैं . दरअसल मौजूदा हालत में चीन की सैन्य ताकत हमसे ज्यादा दिख रही है .


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अगर भारत और चीन का जमीन पर युद्ध हुआ तो..?
भारत के पास 13 लाख 62 हजार सैनिक हैं. चीन के बाद 22 लाख 60 हजार सैनिक हैं. सैनिकों की संख्या में करीब 9 लाख का फर्क है. युद्ध में इस्तेमाल होने वाले टैंकों की ताकत जान लीजिए. भारत के पास 4426 और चीन के पास 6457 टैंक हैं. फर्क है 2031 का. हथियार वाले युद्ध वाहनों के मामले में तो भारत चीन से बहुत आगे है. भारत के पास युद्ध वाले 6,704 वाहन हैं तो चीन के पास सिर्फ 4,788 वाहन हैं. फर्क है 1916 का.


अगर भारत और चीन का आसमान में युद्ध हुआ तो..?
भारत के पास 2102 विमान हैं तो चीन के पास 2955. विमानों में फर्क है 853 का. विमानों के मामले में भी चीन भारत से आगे है.


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अगर भारत और चीन का समंदर में युद्ध हुआ तो..?
अगर समंदर में युद्ध हुआ तो लड़ाकू जलपोत के मामले में भारत चीन से बहुत कमजोर नहीं है. भारत के पास 23 तो चीन के पास 35 लड़ाकू जलपोत हैं. जाहिर है आंकड़ों के हिसाब से चीन भारत से मजबूत स्थिति में दिख रहा है. कैग की इस तथाकथित रिपोर्ट ने देश की चिंता बढ़ा दी है जिसमें कहा गया है कि सेना के पास 10 दिन के लिए ही पर्याप्त गोला-बारूद है.