नई दिल्ली: आज कोरोना वैक्सीनेशन पर अहम बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन के अध्यक्ष आर एस शर्मा, राज्य के स्वास्थ्य सचिव और राज्यों के नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक शामिल हुए. इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने टीकाकरण को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं.


टीकाकरण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के सुझाव


- राज्यों में पहली खुराक लेने वाले सभी लाभार्थियों को दूसरी खुराक के लिए प्राथमिकता दी जाए. 


- इस संबंध में, राज्य भारत सरकार द्वारा दी गई वैक्सीन में से दूसरी डोज़ के लिए 70% और पहली खुराक के लिए शेष 30% रखे. ये हालांकि सांकेतिक है. राज्यों को इसे 100% तक बढ़ाने की स्वतंत्रता है. CoWIN पर राज्यवार संख्या उनके नियोजन उद्देश्यों के लिए राज्यों के साथ साझा की गई हैं.


- राज्यों को वैक्सीन की दो खुराक के साथ पूर्ण टीकाकरण क्यों जरूरी है? इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा गया है.


- 15 से 31 मई की अवधि के लिए अगला आवंटन उन्हें 14 मई को दिया जाएगा. यह बताया गया कि राज्य अपने टीकाकरण सत्रों की योजना बनाने के लिए अगले 15 दिनों के लिए खुराक आवंटन के बारे में जानकारी का उपयोग कर सकते हैं.


- राज्यों से वैक्सीन वेस्टेज को कम करने का भी आग्रह किया गया है. कुछ इसमें कमी आई है, लेकिन राज्यों को अभी भी वेस्टेज को कम करने की आवश्यकता है.


- टीकाकरण के लिबरलाइज्ड फेज- III के लिए राज्यों को भारत सरकार के अलावा (OGoI) चैनल से खरीद के बारे में भी बताया गया. राज्यों से निजी वैक्सीन निर्माताओं को लंबित भुगतान के मद्देनजर, राज्यों को 2 या 3 वरिष्ठ अधिकारियों के राज्य स्तर पर एक टीम का गठन करने की सलाह दी गई, ताकि रोजाना वैक्सीन निर्माताओं के साथ समन्वय किया जा सके और राज्य सरकार को तुरंत आपूर्ति सुरक्षित किया जा सके. ये टीम निजी अस्पतालों के साथ समन्वय करके उनकी खरीद की सुविधा प्रधान करेगी, जिससे राज्य में समग्र टीकाकरण अभ्यास की गति बनी रहे.


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