नई दिल्ली: भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के करीब 22 हजार कर्मचारी आगामी 28 नवंबर को हड़ताल पर रहेंगे. केंद्र सरकार के भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल के निजीकरण के फैसले के खिलाफ तमाम कर्मचारी यूनियन लामबंद हो गई है. इन कर्मचारी यूनियन ने 28 नवंबर को हड़ताल को लेकर नोटिस दे दिया है.


पेट्रोलियम एंप्लाइज यूनियन के जनरल सेक्रेटरी बृजमोहन ने बताया की बीपीसीएल के साथ में एचपीसीएल के कर्मचारी भी इस हड़ताल में हिस्सा लेंगे. यह हड़ताल बीपीसीएल के केंद्र सरकार के विनिवेश के फैसले के विरोध में हैं. उन्होंने बताया कि 28 नवंबर को बीपीसीएल की सभी रिफाइनरी डिपो और बॉटलिंग प्लांट के सभी कर्मचारी इस हड़ताल में हिस्सा लेंगे.


बृजमोहन ने बताया कि करीब 10 कर्मचारी यूनियनों ने 28 नवंबर की हड़ताल का समर्थन किया है. इसके तहत बीपीसीएल और एचपीसीएल के तकरीबन 22 हजार कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. इसके बाद में आगे की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि हमारी यह हड़ताल केंद्र सरकार के विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश के फैसले को लेकर है.


गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने बीपीसीएल में सरकारी हिस्सेदारी बेचने को लेकर मंजूरी दी है. इसी को लेकर कर्मचारी अब हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं.


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