कोविड 19 को लेकर साल 2020 से कई तरह के अध्ययन किए जा रहे हैं. अब इसके अलग अलग लक्षणों पर अध्ययन किया गया है, जिसमें एम्स के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ नवीत विग ने कोविड 19 से ठीक होने वाले मरीजों पर हुई रिसर्च पर बताया है कि रिकवरी के दौरान लक्षण सामान्य होने के बावजूद कुछ हफ्तों में कम हो जाते हैं, इसलिए मरीज को घबराना नहीं चाहिए बल्कि कोविड के बाद के लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए और अपने स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लेनी चाहिए.


दरअसल ये अध्ययन उन 1,234 मरीजों पर किया गया, जो कोविड 19 से ठीक हुए हैं. ये अध्ययन अक्टूबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच उत्तरी भारत के एक तृतीयक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया था, जहां 18 साल से कम उम्र वाले कोविड पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया गया था. वहीं इस रिसर्च को लेकर डॉ विग ने कहा, 'हमने गंभीर बीमारी से उबरने के बाद विभिन्न लक्षणों पर अध्ययन किया, जिनमें लगभग 40% मरीजों में पहले महीने में लक्षण देखने को मिले थे, 22% मरीजों में 1-3 महीने के बीच लक्षण देखे गए थे, जबकि केवल 10% मरीजों में 3 महीनों से अधिक समय तक लक्षण देखे गए हैं'. साथ ही बताया कि रिसर्च में सामान्य लक्षणों में शरीर में दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई, खांसी, नींद में खलल और मूड में गड़बड़ी देखने को मिली है.


लक्षण


मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल के मुताबिक कोविड 19 के लक्षण उन रोगियों में ज्यादा पाए जा सकते हैं, जिन्हें मध्यम से गंभीर बीमारी हुई है, साथ ही ये उन मरीजों में भी देखे जा सकते हैं जो स्पर्शोन्मुख थे या जिन्हें हल्की बीमारी थी.


ज्यादातर मरीजों में समय के साथ दूर होते हैं लक्षण


डॉ निश्चल ने माना है कि अधिकांश रोगियों में लक्षण बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के समय के साथ दूर हो जाएंगे. साथ ही कहा कि बहुत कम मरीजों को विशेषज्ञ परामर्श की आवश्यकता होगी. वहीं डॉ विग ने बताया है कि कोविड 19 ​​​​से ठीक होने वाले रोगियों में स्थानीय चिकित्सक के साथ टेली परामर्श या शारीरिक परामर्श की जरूरत 3 से 6 महीने तक रहती है.


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