नई दिल्ली: भारत में COVID-19 टीकाकरण अभियान को अत्यधिक बढ़ाने की उम्मीद में भारत सरकार ने देश भर में करीब 24000 निजी अस्पतालों को 1 मार्च 2021 से कोरोना वैक्सीन लगाने की अनुमती दी है. 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और को-मॉर्बिडिटीज वाले वाले 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया जाएगा. प्राइवेट अस्पतालों के लिए सरकार ने पहले टीके का दाम 250 रुपये तय कर दिया है. वहीं सरकारी अस्पतालों में नागरिकों को बिना किसी खर्च के टीकाकरण जारी रहेगा.


सरकार द्वारा प्राइवेट अस्पतालों को 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और को-मॉर्बिडिटीज वाले 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाने की अनुमति देने के बाद लोकल सर्किल द्वारा एक सर्वे किया गया, जिसमें यह जानने की कोशिश की गई कि कितने प्रतिशत लोग प्राइवेट हॉस्पिटलों में टीका लगवाना चाहते हैं और किस दाम पर. यह सर्वे भारत के 266 जिलों में हुआ और इसमें 1600 लोगों ने भाग लिया.


सर्वे में सामने आया कि 35%  लोग सरकारी सेंटर पर टीका लगवाना चाहते हैं. जबकि 21%  लोगों का कहना है कि वे प्राइवेट हॉस्पिटल में टीका लगवाएंगे. 27% ने कहा कि टीका लगवाएंगे लेकिन कहां से इसे लेकर अभी कुछ तय नहीं किया.


टीके के दाम (दो खुराक के) क्या हों इस बारे में 17% ने 200 रुपये तक, 22% ने कहा 300 रुपये तक, 24% ने 600 रुपये तक, 16% ने कहा 1000 रुपये तक और 6% ने कहा कि 1000 रुपये से ज्यादा जबकि 15% कुछ बता नहीं सके. इसका मतलब यह है कि जो भी टीका लगाने की प्लानिंग कर रहे हैं उनमें से 63% से 600 रुपये से ज्यादा टीके की दो खुराक के लिए पैसा नहीं देना चाहते.


यह भी पढ़ें:


गुलाम नबी आज़ाद बोले- राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं, जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए लड़ाई जारी रखूंगा