नई दिल्ली: आज मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता में आए सात साल पूरे हो गए और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को दो साल हो गए. कोरोना संकट को देखते हुए बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जेपी नड्डा ने पत्र लिखकर इस अवसर पर कोई समारोह का आयोजन न करने की बात कही है. उसकी जगह सरकारें कल्याणकारी कार्यक्रमों का आयोजन कर सकती है. पार्टी आलाकमान की ओर से सभी बीजेपी शासित राज्यों को आदेश दिया गया है कि कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए योजना तैयार करें.


इसके अलावा देश के सभी बीजेपी विधायकों और सांसदों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे दो गांवों तक पहुंचें और लोगों की मदद करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से तैयार योजना के मुताबिक 30 मई को पार्टी के नेता 1 लाख गांवों का दौरा करेंगे. इस दौरान बीजेपी के कार्यकर्ता गांवों में लोगों को मास्क, सैनिटाइजर और राशन जैसी जरूरी चीजों की किट मुहैया कराएंगे और लोगों को वायरस से बचने के लिए जागरुक करेंगे. यही नहीं केंद्रीय मंत्रियों को भी कम से कम दो गांवों का दौरा करने को कहा गया है. यदि मंत्रियों के लिए व्यक्तिगत तौर पर पहुंचना संभव नहीं हो पाता है तो उन्हें वीडियो मीटिंग का आदेश दिया गया है.


अनुच्छेद 370 हटाना मोदी 2.0 की सबसे बड़ी उपलब्धि
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है. एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड के आंकड़ों में यह बात सामने आई है. एबीपी-सी वोटर सर्वेक्षण के अनुसार, 47.4 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जबकि 23.7 फीसदी का मानना है कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबसे बड़ी उपलब्धि है.


543 लोकसभा सीटों पर किए गए सर्वे में 1.39 लाख लोगों से बातचीत की गई. यह सर्वे एक जनवरी से 28 मई 2021 के बीच किया गया है. सर्वे में पाया गया है कि लोग लॉकडाउन पर सरकार का समर्थन कर रहे हैं. बड़े पैमाने पर 68.4 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन लागू करना एक सही निर्णय था. इसी तरह, 53.4 फीसदी लोगों ने कहा कि इस साल देशव्यापी लॉकडाउन नहीं करना मोदी सरकार का सही फैसला है.


वहीं 41.8 फीसदी उत्तरदाताओं ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए अपना समर्थन दिखाया है. लोगों ने कोरोना काल में परियोजना को शुरू करने और जारी रखने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया है. इसके अलावा टीकाकरण कार्यक्रम के संचालन पर लोगों की राय विभाजित है. 44.9 फीसदी ने कहा कि सरकार ने देश में वैक्सीन प्रबंधन को उचित रूप से संभाला है, जबकि 43.9 फीसदी लोग ऐसा महसूस नहीं कर रहे हैं. टीकों के निर्यात के निर्णय को भी व्यापक समर्थन मिला है, क्योंकि 47.9 फीसदी ने कोविड के टीकों के निर्यात के सरकार के निर्णय का समर्थन किया है.


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