पटना: पटना हाई कोर्ट ने बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की तरफ से नई सरकार के गठन को चुनौती देने वाली दो जनहित याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट इनपर सोमवार को सुनवाई करेगा.


बहुमत परीक्षण के पहले नीतिश का लालू पर हमला, कहा- सत्ता सेवा के लिए होती है, भोग करने के लिए नहीं


बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के महत्वपूर्ण विश्वासमत से पहले दो जनहित याचिकाएं दायर की गयीं और दोनों के वकीलों ने अदालत में अपना पक्ष रखा. पहली याचिका आरजेडी विधायकों सरोज यादव और चंदन वर्मा की ओर से जबकि दूसरी याचिका समाजवादी पार्टी के सदस्य जितेन्द्र कुमार की ओर से दायर की गई थी.


नीतीश पर तेजस्वी का हमला, 'नीतीश में हिम्मत होती तो मुझे बर्खास्त करते'


याचिकाओं में अदालत से अनुरोध किया गया है कि राज्य में सरकार बनाने के लिये सबसे बडे दल के नेता को आमंत्रित करने का निर्देश दिया जाए. आरजेडी ने कहा था कि राज्य में वह सबसे बड़ी पार्टी है ऐसे में सरकार बनाने का पहला मौका उन्हें दिया जाए.


बता दें कि राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से कहा था कि वह शपथ ग्रहण से दो दिन के भीतर विश्वासमत हासिल करें. चार साल के बाद एनडीए में वापसी करते हुए नीतीश कुमार ने कल मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. एनडीए ने 132 विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपी है. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में आरजेडी के पास 80, कांग्रेस के 27 और भाकपा के तीन विधायक हैं.