अहमदाबाद: सोमवार को गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. नतीजों में बीजेपी को एक बार फिर सत्ता की चाभी मिली है तो वहीं कांग्रेस ने भी 2012 के मुकाबले इस बार काफी बेहतर प्रदर्शन किया हैं. बीजेपी को गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से कुल 99 सीटें मिली हैं तो वहीं कांग्रेस को यहां 77 सीटों पर जीत मिली हैं. वैसे तो बीजेपी की पूर्ण बहुमत से जीत हुई है लेकिन इन नतीजों को अलग-अलग तरीकों से आंका जा रहा है.


गुजरात विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के 16 उम्मीदवार 3000 से कम वोटों के अंतर से हारे हैं. इनमें से तीन को 1000 से भी कम मतों से हार का सामना करना पड़ा. इसका मतलब है कि इन सभी सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी को जोरदार टक्कर दिया है.


गोधरा में सी के राउलजी ने महज 258 मतों के अंतर से जीत हासिल की. राउलजी इसी सीट से पिछली विधानसभा में कांग्रेस के विधायक थे. वह इस साल राज्यसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे. इन्होंने कांग्रेस के राजेंद्र सिंह परमार को हराया जबकि निर्दलीय उम्मीदवार जसवंत सिंह परमार को 18 हजार 856 मत मिले. इसी सीट पर 3050 लोगों ने नोटा का बटन दबाया. इस क्षेत्र में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है.


ढोलका विधानसभा सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह चूड़ासामा ने कांग्रेस के अश्विनभाई राठौड़ को 327 मतों के मामूली अंतर से हराया. इस सीट पर 2347 लोगों ने नोटा का बटन दबाया जबकि निर्दलीय उम्मीदवार शक्तिसिंह सिसिदिया को 4222 मत मिले.


बीजेपी के वरिष्ठ नेता सौरभ पटेल बोटाड सीट पर कांग्रेस के डी एम पटेल को सिर्फ 906 मतों के अंतर से हरा सके. पटेल आनंदी बेन पटेल सरकार में राज्य के वित्त मंत्री थे और पिछली विधानसभा में वड़ोदरा की अकोटा सीट से चुने गए थे. इस बार उन्हें बोटाड से उतारा गया.


इसी तरह वीजापुर में बीजेपी के रमनभाई पटेल कांग्रेस के नाथभाई पटेल को 1164 मतों के अंतर से ही हरा पाए. यह अंतर नोटा के पक्ष में पड़े वोट से भी कम है. नोटा के पक्ष में पड़े 1280 वोट पड़े थे. वहीं कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया और सिद्धार्थ पटेल को1855 और 2839 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.


कम अंतर से मिली हार यह दर्शाती है की कांग्रेस ने बीजेपी को गुजरात में जोर दार टक्कर दिया. इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनो ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था.