नई दिल्ली: भारतीय वन सेवा के अधिकारी का सोशल मीडिया पर शेयर किया गया एक वीडियो खूब पसंद किया जा रहा है. प्रवीण कासवान के ट्विटर पर जारी वीडियो में दो फ्लेमिंगो को देखा जा सकता है. वीडियो देखने से पता चलता है कि दोनों आपस में लड़ रहे हैं और उनकी लड़ाई के कारण 'खून' गिर रहा है. वीडियो में उनके साथ एक चूजा भी नजर आ रहा है. अब लोगों की उत्सुकता आखिर इसी बात को लेकर है कि लाल द्रव्य आखिर 'खून' है या कुछ और. इसके अलावा दोनों के बीच तीसरा फ्लेमिंगो यानी चूजा क्या कर रहा है ?
फ्लेमिंगो के लाल रंग के पीछे रहस्य क्या है ?
ट्विटर यूजर को पक्षियों की ये अदा बहुत ही लुभावनी लग रही है. वीडियो में देखा जा सकता है एक फ्लेमिंगो अपने चोंच को दूसरे फ्लेमिंगो के सिर पर रखे हुए है. साथ ही फ्लेमिंगो अपने चोंच से दूसरे फ्लेमिंगो के सिर पर रंगीन द्नव्य टपका रहा है. लोगों की हैरानी को दूर करने के लिए प्रवीण कासनी ने स्पष्ट किया, "ये लड़ाई नहीं कर रहे हैं. प्रकृति के ये अद्भुत जीव हैं. दोनों फ्लेमिंगो एक चूजे को खिला रहे हैं. वीडियो में टपकता हुआ लाल रंग का जो द्रव्य दिख रहा है, वो दरअसल खून नहीं है बल्कि दूध है. फ्लेमिंगो जब अपने बच्चों को भोजन कराते हैं तो द्रव्य लाल/ गुलाबी दिखाई देता है.
फ्लेमिंगो कैसे तैयार करते हैं अपना भोजन ?
फ्लेमिंगो दिखने में लंबा और बेहद ही सुंदर रंगीन पक्षी होता है. ये अपनी अद्भुत रंगत की वजह से भी अन्य पक्षियों से अलग पहचाना जाता है. इनके रंग जन्म से गुलाबी नहीं होते बल्कि धीरे-धीरे हो जाते हैं. अपनी गुलाबी रंगत के कारण ही ये पक्षी हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र होता है. फ्लेमिंगो का भोजन मछली, कीड़े, कचरा, फ्राइज़, बीज होता है. जलीय जीवों जैसे शैवाल और झींगा से ये अपना भोजन तैयार करते हैं. दरअसल झींगा और शैवाल में एक विशिष्ट तत्व पाया जाता है. जिसे 'कैरोटीनॉयड' कहा जाता है. दावा है कि इसी तत्व के कारण फ्लेमिंगो गुलाबी रंग के हो जाते हैं. इसे यूं भी समझ सकते हैं कि फ्लेमिंगो अपने भोजन में मुख्य रूप से कैरोटीनॉइड पदार्थों का ज्यादा सेवन करते हैं.
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