नई दिल्लीः देश में इस समय कोरोना का कहर चल रहा है. पिछले कई दिनों से भारत में हर दिन कोरोना संक्रमण के 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. इनमें अलग-अलग हिस्सों में कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट लोगों की जान ले रहे हैं. यह जानकारी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के निदेशक सुजीत सिंह ने दी है. उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में इस समय सबसे अधिक लोग वायरस के ब्रिटिश वैरिएंट से संक्रमित हैं, जबकि महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में वायरस का ‘डबल म्यूटेंट’ वैरिएंट कहर बरपा रहा है. हालांकि सार्स कोव-2 वायरस के बी 1.1.7 वैरिएंट (ब्रिटिश वैरिएंट) से देश में संक्रमित होने वाले लोगों के अनुपात में बीते एक महीने में 50 प्रतिशत की कमी आई है.


इन राज्यों में ब्रिटिश वैरिएंट का कहर
सुजीत सिंह ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पंजाब (482 सैंपल), दिल्ली (516 सैंपल) सहित उत्तर भारत में वायरस का ब्रिटिश वैरिएंट सबसे ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है, जिसके बाद उसका असर तेलंगाना (192 सैंपल), महाराष्ट्र (83) और कर्नाटक (82) में देखा गया. उन्होंने बताया कि 10 शीर्ष सरकारी प्रयोगशालायें और संस्थान बीते साल दिसंबर से ही कोरोना वायरस का जीनोम सीक्वेंसिंग (अनुक्रमण) कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अबतक 18,053 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया है.


इन राज्यों में डबल म्यूटेंट का असर
उन्होंने बताया कि जीनोम अनुक्रमण से जुड़ी जानकारी राज्यों से फरवरी में दो बार और मार्च-अप्रैल में चार-चार बार साझा की गई. सुजीत सिंह के मुताबिक डबल म्यूटेंट जिसे बी.1.617 के नाम से भी जाना जाता है, प्रमुख रूप से महाराष्ट्र (721 सैंपल), पश्चिम बंगाल (124), दिल्ली (107) और गुजरात (102) को प्रभावित कर रहा है. 


इन जगहों पर दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट भी मिला
वायरस के दक्षिण अफ्रीकी प्रकार का मुख्य रूप से प्रभाव तेलंगाना और दिल्ली में देखने को मिला। इसे जिसे बी.1.315 के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि ब्राजीलियाई प्रकार केवल महाराष्ट्र में मिला और उसका अनुपात ना के बराबर है. 


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