लखनऊ : यूपी के कन्नौज में लगातार छेड़खानी और मारपीट ने 18 साल की एक युवती को खुदकुशी के लिए मजबूर कर दिया. दिल दहलाने वाली इस वारदात ने योगी सरकार के महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर रोक लगाने के दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

एंटी रोमियो स्क्वॉड ऐसे मामलों को रोकने में क्यों नाकाम हैं ? 

सवाल ये भी है कि छेड़खानी की घटनाएं रोकने के लिए खास तौर पर बनाए गए एंटी रोमियो स्क्वॉड ऐसे मामलों को रोकने में क्यों नाकाम हैं ? यूपी के कन्नौज जिले के एक गांव की रहने वाली 18 साल की राधा को जिन हालात में खुदकुशी करनी पड़ी, वो उत्तर प्रदेश पुलिस को शर्मसार करने वाले हैं.

समझाने-बुझाने की बात कह कर मामले को रफा दफा कर दिया

प्रदीप नाम का एक बदमाश, राधा को कई महीने तक छेड़ता रहा, लेकिन उसकी मदद के लिए कोई सामने नहीं आया. राधा की शिकायत पर पंचायत भी बुलाई गई, लेकिन पंचायत के लोगों ने प्रदीप को पुलिस के हवाले करने की जगह उसे समझाने-बुझाने की बात कह कर मामले को रफा दफा कर दिया.

पंचायत के नरम रवैये और समझाने-बुझाने का कोई असर नहीं पड़ा

ज़ाहिर है प्रदीप की बदनीयती भरी हरकतों पर पंचायत के नरम रवैये और समझाने-बुझाने का कोई असर नहीं पड़ा. उलटे अपने खिलाफ कोई कार्रवाई न होते देख उसके हौसले और बुलंद हो गए. यहां तक कि एक दिन वो राधा के घर में घुस गया और उससे मारपीट भी की. इसी के बाद लगातार जिल्लत से दुखी और निराश राधा ने अपनी जान ले ली.

 किसी ने उनकी मदद नहीं की और अब उनकी बेटी उनके साथ नहीं है

जो यूपी पुलिस राधा के जीते-जी उसे एक बदमाश की हरकतों से बचाने के लिए सामने नहीं आयी वही, अब एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई करने जैसे रटे रटाए जवाब दे रही है. घटना के बाद गांव के काफी रोष है. राधा के परिजनों का आरोप है कि किसी ने उनकी मदद नहीं की और अब उनकी बेटी उनके साथ नहीं है.