लखनऊ: इस बार होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में अपराध भी बड़ा मुद्दा है. आरोप और प्रत्यारोप का दौर चल रहा है इस बीच लखनऊ में उस पिता की हत्या कर दी गई जो अपने बेटे की हत्या के केस में इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ रहा था.
यूपी में चुनाव के माहौल के बीच लखनऊ में एक बार फिर गोलियों की आवाज सुनाई दी. श्रवण साहू नाम के दवा कारोबारी दुकान पर बैठे थे, तभी मोटरसाइकिल पर सवार बदमाश आए और ताबड़तोड़ गोली चला दी. श्रवण साहू को अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी, इससे पहले श्रवण साहू के इकलौते बेटे मनीष साहू की हत्या कर दी गई थी और पिता इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ रहे थे.
पिछले दिनों इस मामले को लेकर एक और विवाद हुआ था. जब पुलिस के ही एक मुखबीर अकील ने श्रवण साहू को झूठे केस में फंसाने की साजिश रची थी लेकिन भेद खुल गया था और इस केस में पुलिसकर्मी बर्खास्त भी हुए थे. अब शक की सूई उन्हीं लोगों पर घूम रही है. पहले इकलौते बेटे की हत्या और उसके बाद पिता की हत्या, पूरे मामले को लेकर पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, खास बात ये है कि जिस बुजुर्ग की हत्या हुई है उन्होंने सुरक्षा के लिए आवेदन भी दिया था जो फाइलों में दबकर रह गया.