नई दिल्ली: नवीं क्लास में पढ़ने वाली इकिशा अब इस दुनिया में नहीं है. उसने अपनी जान दे दी. शयद थोड़े दिन के बाद दुनिया उसे भूल जाएगी लेकिन उसके माता पिता क्या कभी अपने दिल से उन लफ्जों को निकाल पाएंगे जो वह अपनी कॉपी के पीछे लिख गई है. उसने लिखा- आई एम फेलियर, आई एम डम्ब, आई हेट माईसेल्फ. सोचिए, जिसको उसका परिवार प्यार करता हो, जिसे दोस्त प्यार करते हों वो खुद से नफरत कैसे कर सकती है. आखिर उसके साथ ऐसा क्या हुआ कि उसने खुदकुशी कर ली.

क्या कहते हैं डॉक्टर मनोचिकित्सक कहते हैं कि कॉपी के आखिरी पन्ने पर लिखे इकिशा के शब्द बताते हैं कि वह काफी दवाब में थी. हैंडराइटिंग और शब्द दोनों से ही पता चलता है कि वह दुखी थी. उसने एक जगह लिखा है डॉक्टर इकिशा. साफ है कि वो डॉक्टर बनना चाहती थी. शायद उसे इतनी बार डम्ब कहा गया कि वह खुद को ऐसा समझने लगी. खुद को फेलियर समझने लगी और खुद से नफरत करने लगी.

परिवार के आरोप इकिशा के परिवार का आरोप स्कूल और स्कूल टीचरों पर है. आरोप है कि मयूर विहार के एल्कॉन स्कूल में सोशल साइंस के टीचर राजीव सहगल उसके साथ छेड़छाड़ करते थे और साइंस की टीचर नीरज आनंद उसे धमकाती थीं. दोनों ने जानबूझ कर उसे कम नंबर दिए और वह फेल हो गई. इस बात की शिकायत प्रिंसिपल से भी की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ और अंत में इकिशा ने सुसाइड कर लिया.

पुलिस कर रही है जांच पुलिस ने इस मामले में नई धाराओं को जोड़ दिया है और जांच शुरु कर दी है. यह केस काफी चर्चा में है जिसके कारण पुलिस भी काफी गंभीर है और उसके आला अफसर भी इसका लगातार फॉलोअप कर रहे हैं. पुलिस ने बताया कि फिलहहाल इस केस से जुड़े सभी लोगों को कहा गया है कि वो शहर ना छोड़ें. पुलिस अब एक-एक करके सभी के साथ पूछताछ करेगी और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सिस्टम के लिए चुनौती स्कूलों से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो परेशान कर देने वाले हैं. बच्चे नंबरों के दवाब में हैं और किताबों के बोझ तले दबे हैं. लगातार सामने आ रहे मामलों के बाद भी सिस्टम वही है और अब देखना ये होगा कि आखिर कब एजुकेशन का ये सिस्टम अपग्रेड होगा.