असम के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सोमवार को हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार राज्य में गायों की रक्षा के लिए संविधान के दायरे में रहकर हर संभव कदम उठाएगी. राज्यपाल जगदीश मुखी ने पिछले शुक्रवार को विधानसभा के पहले दिन अपने स्वागत भाषण के दौरान कहा था कि असम सरकार की योजना विधानसभा के अगले सत्र में गौ संरक्षण विधेयक पेश करने की है.


गाय हमारी माता है, नहीं होने देंगे तस्करी


असम के नए मुख्यमंत्री ने कहा कि- "गाय हमारी माता है. हम पश्चिम बंगाल से गायों की तस्करी नहीं होने देंगे. जिन स्थानों पर गायों की पूजा की जाती है, गोमांस का सेवन नहीं होना चाहिए.” उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि इसका मतलब ये कतई नहीं है कि सबको अपनी आदतें तुरंत बदलनी होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि फैंसी बाजार, शांतिपुर या गांधीबस्ती (सभी गुवहाटी में) जैसे इलाकों में मदीना होटल (जहां बीफ मिलता है) की जरूरत नहीं है. क्योंकि यहां के लोग इसे लेकर संवेदनशील है. जिन इलाकों में इस तरह की संवेदनशीलता नहीं है वहां बदलाव की जरुरत नहीं है. हेमंत विस्वा सरमा ने कहा कि हमारा संविधान भी गोहत्या के खिलाफ है. संविधान तहत बनाए गए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के मुताबिक गोहत्या को रोका जाना चाहिए. राज्य में गायों के अवैध व्यापार को भी रोका जाएगा.


बीजेपी गोवा, मिजोरम या मेघालय में क्यों नहीं लाती ऐसे विधेयक


राज्य में Assam Cattle Preservation Act 1950 से लागू है. इसी एक्ट की धारा 5 के तहत उन्हीं जानवरों को मारा जा सकता है जिसके लिए सभी मानदंडों पर सही उतरने के बाद पशु चिकित्सकों द्वारा "fit-for-slaughter" यानि वध के लिए उपयुक्त का सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. मुख्यमंत्री को इस मामले में बीजेपी के विधायकों का खासा समर्थन मिला है. हालांकि AIUDF पार्टी के विधायक अमीनुल इस्लाम ने इस संबंध में पेश किए जाने वाले विधेयक पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि बीजेपी ऐसे विधेयक गोवा, मिजोरम या मेघालय जैसे राज्यों में क्यों नहीं लाती जहां उनकी या उनके सहयोगियों की सरकार है.


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