नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट में राजनेताओं और मददगारों के द्वारा दवाई और ऑक्सीजन उपलब्ध करवाए जाने के मामले पर गुरुवार को सुनवाई हुई. इसमें ड्रग कंट्रोलर ने गौतम गंभीर और आप विधायक प्रवीण कुमार की जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की. इस रिपोर्ट में बताया गया कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने लोगों को बांटने के लिए जिस तरह दवा हासिल की और उसको जमा किया, वह कानून का उल्लंघन है. ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि इस मामले में फाउंडेशन पर कार्रवाई की जाएगी. 


रिपोर्ट में इन बातों का हुआ खुलासा
दिल्ली हाइकोर्ट में पेश की गई ड्रग कंट्रोलर की रिपोर्ट में बताया कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने 2349 स्ट्रिप्स फेबिफ्लू के खरीदे थे. ड्रग कंट्रोलर ने गौतम गंभीर फाउंडेशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि जहां पर इन दवाओं का वितरण किया गया क्या उनके पास उसका लाइसेंस था ? गौतम गंभीर फाउंडेशन इसके साथ ही 120 ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर ऑथराइज्ड डीलर से उसको रिफिल करवाकर एक डॉक्टर की निगरानी में लोगों को उपलब्ध करवाया था.


रिपोर्ट में बताया गया है कि 1139 मरीजों को गौतम गंभीर फाउंडेशन की तरफ से यह दवा दी गई और यह दवा मुफ्त में उपलब्ध करवाई गई थी. फाउंडेशन द्वारा ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया गया है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ड्रग कंट्रोलर को सिर्फ गौतम गंभीर के मामले की नहीं बल्कि सभी मामलों की पड़ताल करनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि आखिर एक फाउंडेशन ने डीलर से इतनी बड़ी मात्रा में यह दवा हासिल कैसे की! 


दिल्ली हाई कोर्ट की टिप्पणी करते हुए कहा कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने बड़ी मात्रा में दवा खरीदी जिसके लिए काफी पैसा भी खर्च किया और लोगों की मदद भी की, लेकिन हमको देखना यह भी होगा कि उसके चलते कितने और लोगों को नुकसान हुआ. अगर वह मदद करना ही चाहते थे तो और भी तरीके से कर सकते थे.


 ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि ऐसी भी जानकारी आई है कि कई लोग स्टेरॉयड्स भी लोगों को उपलब्ध करवा रहे थे. उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि इस बाबत में आप 6 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करिए. इस दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को निर्देश दिया कि ऐसे सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिन्होंने इस तरह से नियमों से अलग जाकर दवा या ऑक्सीजन जुटाई और उपलब्ध करवाई. जिनकी वजह से सप्लाई चैन में बाधा पड़ी और लोगों को जरूरत की दवा और ऑक्सीजन मिलने में दिक्कत हुई.


इस बीच दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में बच्चों में कोरोना के 92 गम्भीर मामले सामने आए. आज की तारीख में दिल्ली में 623 कोरोना के मरीज हैं और संक्रमण दर रेट 0.88 फीसदी है. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि कोरोना के मामलों को देखते हुए एक हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया गया है जो सभी जरूरतों और दिक्कतों की तरफ ध्यान दे रही है.