रूस-यूक्रेन युद्ध के 6 महीने हो गए हैं. 24 अगस्त को यूक्रेन हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाता है. रूसी हमले की आशंका चलते इस बार कोई बड़ा आयोजन तो नहीं किया गया. लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि 31 साल पहले रूस से अलग होकर यूक्रेन देश के तौर पर सामने आया था. उन्होंने कहा कि यूक्रेन की आजादी हर कीमत पर बरकरार रखी जाएगी. 


'हमारी स्वतंत्रता कभी खत्म नहीं होगी'
अपने भाषण में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मध्य निप्रॉपेट्रोस क्षेत्र में चैपलिन ट्रेन स्टेशन पर रूसी गोलाबारी में कम से कम 22 लोग मारे गए हैं. समाचार एजेंसी डीपीए ने बुधवार देर रात वीडियो संबोधन में राष्ट्रपति के हवाले से कहा कि मृतकों में से पांच के शव रेलवे ट्रैक से बरामद कर लिया गए हैं. तलाशी और बचाव अभियान जारी है.  पहले की जानकारी के अनुसार, गोलाबारी में 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे. हालांकि इस ब्योरे को सत्यापित नहीं किया गया है. जेलेंस्की ने कहा, 'चैपलिन रेलवे स्टेशन पर यह हमला रात को हुआ. हमारा मुख्य दिन यूक्रेन का स्वतंत्रता दिवस खत्म हो रहा है, लेकिन हमारी स्वतंत्रता खत्म नहीं हुई है और न ही कभी खत्म होगी.'


अमेरिका देगा तीन अरब डॉलर के हथियार
अमेरिका ने यूक्रेन को करीब तीन अरब डॉलर की अतिरिक्त सुरक्षा सहायता देने की घोषणा की है, जो अब तक सबसे बड़ी हथियार सहायता है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी रक्षा विभाग (डीओडी) द्वारा घोषित नए पैकेज में छह अतिरिक्त नेशनल एडवांस सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (एनएएसएएमएस) शामिल हैं. इसमें अतिरिक्त युद्ध सामग्री 155 तोपखाने गोला बारूद के 245,000 राउंड तक, 120 मोर्टार गोला बारूद के 65,000 राउंड तक, 24 काउंटर-आर्टिलरी रडार, प्यूमा मानवरहित एरियल सिस्टम (यूएएस) और स्कैन ईगल यूएएस सिस्टम के लिए समर्थन उपकरण, वैम्पायर काउंटर-यूएएस सिस्टम के साथ ही लेजर-निर्देशित रॉकेट सिस्टम तक शामिल हैं.


72 घंटे में सरेंडर का दावा हवा-हवाई
यूक्रेन ने जिस तरह से रूस जैसी महाशक्ति का अब तक सामना किया है उससे पूरी दुनिया भी हैरान है. 72 घंटे में यूक्रेन को सरेंडर करा देना का रूस के राष्ट्रपति पुतिन दावा खोखला साबित होता नजर आ रहा है. मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक रूस के कई सैन्य अधिकारियों सहित 13 हजार से ज्यादा सैनिक जान गंवा चुके हैं. जबकि यू्क्रेन के भी लगभग 10 हजार सैनिक मारे गए हैं. 


भारत के रुख में बदलाव नहीं
रूस ने यूक्रेन को कई ओर से घेर रखा है. साथ ही यूरोपीय देशों सहित अमेरिका को धमकी दी है कि अगर कोई भी बीच में आया तो परिणाम भुगतने पड़ेंगे. इस युद्ध के बाद से अमेरिका ने कूटनीतिक घेरेबंदी की कोशिश करते हुए भारत पर दबाव भी डाला कि वो रूस की आलोचना करे.  लेकिन भारत के रुख में रूस को लेकर कोई बदलाव नहीं आया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों से साफ कहा है कि भारत अपने हितों का ध्यान में रखकर ही कोई फैसला करेगा.


यूक्रेन को दी एस जयशंकर ने बधाई
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि सहयोग बनाए रखने की बात कही है. बता दें कि रूस के हमले के बाद से भारत ने यूक्रेन को कई बार मानवीय मदद भेजी है. आजादी बचाने के लिए जंग लड़ रहे यूक्रेन जैसे छोटे देश के लिए भारतीय विदेश मंत्री का ये आश्वासन बड़ी बात है. रूस-यूक्रेन के मुद्दे पर भारत ने शुरू से ही एक स्वतंत्र रुख अपना रखा है. इसके साथ ही अमेरिका और पश्चिमी देशों को भी यह जता दिया है कि भारत उनका 'पिछलग्गू' बनकर नहीं रहेगा. वहीं यूक्रेन को लगातार मानवीय मदद भेज कर रूस को भी एक तरह से संदेश देने की कोशिश की है. इससे पहले भी पीएम मोदी ने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से फोन पर बातचीत कर शांति बनाए रखने की अपील की थी.