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वो (पाकिस्तान) भारत के खिलाफ नींद में भी सोचे तो उनके ख्वाब में हम पहले नजर आने चाहिए. फिल्म की शुरुआत इस डायलॉग से होना और अंत नया भारत है, घर में घुसकर मारेगा. इससे साफ हो जाता है कि फिल्म धुरंधर क्या कहना चाहती है, क्या करना चाहती है. कई सारी कंट्रोवर्सी झेलने के बाद आखिरकार धुरंधर थिएटर में रिलीज हो ही गई. रणवीर सिंह के लिए एक जरूरी फिल्म है. रॉकी और रानी की प्रेम कहानी के बाद उनको फुलफ्लेज एक्टिंग वाली फिल्म है जिसका भार उनके साथ फिल्म के बाकी टैलेंटेड एक्टर्स के कंधों पर भी है.

कहानी

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फिल्म का कहानी है ऑपरेशन धुरंधर की. भारत में प्लेन हाईजैक, साल 2001 में संसद पर गोलाबारी जैसे कई आंतकी हमले होते हैं. भारत अपना एजेंट पाकिस्तानी अंडरवर्ल, उनक माफिया और गैंग्स को खत्म करने करके के लिए भेजता है.आगे की कहानी को देखने के लिए फिल्म देखना सही होगा.

कैसी है फ़िल्म

इस फिल्म को इंटेलिजेंट फिल्म कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि इसमें कई सारे ट्रैक एक साथ चलते हैं जो एक दूसरे से जुड़ते हैं. पाकिस्तान के नापाक इरादों को कैसे देश का इंटेलिजेंस खत्म करती है, वो सब फिल्म में दिखाया गया है. इसके लिए संसद पर हमला, मुंबई पर हुए आतंकी हमला, प्लेन हाईजैक, देश को नुकसान पहुंचने के लिए पाकिस्तान का नकली नोट छापना या फिर पाकिस्तान और बलूचिस्तान के मतभेद और उसका भारत पर असर जैसे कई मुद्दों को दिखाया गया है. लेकिन इसमें आदित्य कहीं भी कंफ्यूज नहीं करते हैं, वो सभी सवाल के जवाब देते हुए चलते है. संसद में हुए हमले के कुछ रियल फुटेज भी लिए गए हैं. कई एक्शन और खून खराबे वाले दृश्य विचलित करते हैं, दिल कमजोर है, तो आंखें बंद कर लीजिए, लेकिन सच देखिए. फ़िल्म कई चैप्टर्स में बांटी गई है जो फ़िल्म के कैरेक्टर्स का इंट्रोडक्शन पुराने गाने पर देते हैं. यह तरीका अनोखा और हिरोइक तरीका है. इस फ़िल्म में एक्शन, इमोशन, देशभक्ति, डायलॉगबाज़ी हर वो चीज है जो सिनेमा को सिनेमा बनाती है. साल 2008 में मुंबई हुए हुए आतंकी हमले के दौरान हैंडलर और आतंकवादियों के बीच की बातचीत कचोटती हैं, jio studios और ज्योति देशपांडे की भी तारीफ करनी होगी को ऐसी फिल्म बनाई और 2 पार्ट्स में बनाई, अपने विजन से समझौता नहीं किया.

एक्टिंग

रणवीर सिंह वाकई घातक लगे हैं, ना केवल अपने लुक्स में बल्कि एक्टिंग में भी. उनसे अच्छी एक्टिंग की उम्मीद करना लाजमी है, लेकिन लंबे बालों में लेंस के साथ सुपरफिट लग रहे रणवीर एक किलिंग मशीन की तरह तेजतर्रार लगे हैं. रहमान बलोच के रोल में अक्षय खन्ना जान डाल देते हैं. कम बोलकर वो अपने एक्सप्रेशन से सब कुछ कह जाते हैं. रणवीर के कैरेक्टर हमज़ा की लव इंट्रेस्ट यालिना के रोल में सारा अर्जुन गजब की खूबसूरत लगी हैं. उनमे एक्ट्रेस वाली सारी क्वालिटीज दिखाई देती है. आईएसआई के मेजर इकबाल के रोल में अर्जुन रामपाल बेरहम लगे हैं. एस पी चौधरी असलम के रोल में संजय दत्त अपने स्वैग में दिखते हैं. राकेश बेदी, सौम्या टंडन हर एक्टर ने अपने हिस्से का काम बखूबी किया है.

राइटिंग और डायरेक्शन

आदित्य धर फिल्म ने निर्माता के साथ निर्देशक और लेखक की जिम्मेदारी बहुत ही कमाल संभाली है. वो केवल एक इंटेलिजेंट निर्देशक ही नहीं, बुद्धिमान राइटर भी हैं. इस फिल्म को लिखना यकीनन उनके लिए चैलेंजिंग रहा होगा, क्योंकि इसमें बहुत सी चीजें साथ चलती हैं. फ़िल्म में उन्होंने हर कैरेक्टर को जगह दी है, आप उन्हें भूल ना जाये इसलिए हर किसी के नाम स्क्रीन पर आते हैं. धुरंधर का पार्ट 2 अगले साल आएगा वो भी अंत में बता दिया गया है. कभी-कभी धैर्य का टूटना देश के लिए अच्छा हो सकता है. किस्मत की सबसे खूबसूरत आदत पता है क्या है, वो वक्त आने पर बदलती है. हमारा भी वक्त आएगा जैसे डायलॉग्स दमदार हैं.

म्यूज़िक

शाश्वत सचदेव का म्यूजिक और इरशाद कामिल के लिरिक्स एक परफेक्ट कॉम्बिनेशन हैं. रणवीर की एंट्री वाली कव्वाली कारवां..फ़िल्म का मूड सेट कर देता है. दिलजीत दोसांझ का गाया गाना पूरी फ़िल्म को स्टाइलिश बनाता है जिसपर कई अहम सीन शूट हुए हैं. बैकग्राउंड स्कोर दमदार है. बीच बीच में आती ग़ज़लें और पुराने गाने रंभा हो हो... पर रणवीर का एक्शन सीन दमदार है.

देशभक्ति वाली फिल्में पसंद है और जानना चाहते है की देश का इंटेलिजेंस कैसे काम करता है, तो ये फ़िल्म आपके लिए है.

रेटिंग- 4 स्टार्स