Breast cancer: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को बताया कि ब्रेस्ट कैंसर फेफड़ों के सबसे आम कैंसर की बीमारी से आगे निकल गया है. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के कैंसर विशेषज्ञ आंड्रे इल्लाबवी ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की ब्रीफिंग में कहा, "पहली बार, ब्रेस्ट कैंसर अब दुनिया भर में सबसे अधिक होने वाली बीमारी बन गई है."


ब्रेस्ट कैंसर निकला फेफड़ों के कैंसर से आगे


कैंसर विशेषज्ञ के मुताबिक, पिछले दो दशक से फेफड़ों का कैंसर सबसे आम किस्म की बीमारी थी, लेकिन कोलोरेक्टल कैंसर के आगे अब दूसरे नंबर पर है. उन्होंने माना कि महिलाओं में मोटापा ब्रेस्ट कैंसर का आम जोखिम है और संपूर्ण कैंसर की तादाद को बढ़ा भी रहा है. जैसे-जैसे दुनिया की आबादी और जिंदगी की संभावना बढ़ रही है, कैंसर के ज्यादा आम होने की उम्मीद है.


WHO ने मामलों में वृद्धि होने पर जताई चिंता 


ग्लोबल कैंसर स्टैटिक्स 2020 और इंटरनेशनल एजेंसी फोर रिसर्च ऑन कैंसर की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है. आम तौर पर सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर के तौर पर ब्रेस्ट कैंसर फेफड़ों के कैंसर से आगे निकल चुका है. 2020 में एक अनुमान के मुताबिक 19. 3 मिलियन कैंसर के नए मामले सामने आए थे और दुनिया भर में करीब 10 मिलियन लोगों की कैंसर के चलते जान गई. कुल मिलाकर अपने जीवनकाल के दौरान 5 लोगों में से एक को कैंसर होता है. रिपोर्ट में कहा गया कि बीमारी से 8 पुरुषों में एक और 11 महिलाओं से एक को मौत का सामना करना पड़ता है.


रिसर्च के मुताबिक, पिछले साल ब्रेस्ट कैंसर के नए मामले 2. 3 मिलियन यानी 11. 7 फीसद उजागर हुए. हालांकि, फेफड़ों का कैंसर पिछले साल कैंसर से मौत का प्रमुख कारण रहा है. अंत में, आशंका जाहिर की गई है कि 2040 में 28. 4 मिलियन कैंसर के नए मामले होने का अनुमान है, यानी वैश्विक सतह पर 2020 के मुकाबले 47 फीसद की वृद्धि हो सकती है. इल्लाबवी ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से कैंसर के इलाज में बाधा पैदा हो रही है. ब्रेस्ट कैंसर का शुरू में पहचान हो जाने पर इलाज संभव है. एक बार जब कैंसर फैलना शुरू होता है, तो इलाज ज्यादा पेचीदा हो जाता है और बीमारी को काबू करने में वर्षों लग सकता है.


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