Why People Do Extramarital Affair: जब आप किसी से प्यार करते हैं या किसी के साथ relationship में होते हैं तो वो शख्स आपकी जिन्दगी से जुड़ी हर चीज में शामिल हो जाता है. या यूं कहें कि आपको उसकी आदत सी हो जाती है.  लेकिन जब वही शख्स, जिसे हम अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं, जिसकी एक छोटी सी ख़ुशी के लिये हम अपनी बड़ी से बड़ी खुशियां कुर्बान कर देते है, वो हमारे भरोसे को तोड़कर, हमारे दिल हमारी भावनाओं से खेल कर, हमें धोखा देकर, हमें छोड़कर किसी और के पास चला जाता है तब वह वक्त बहुत ही दर्दभरा होता है. उस वक्त इंसान बहुत बुरी तरह हर्ट होता है, जल्दी से इस बात पर भरोसा नहीं होता है कि उसने हमारा दिल तोड़ दिया है, हमें धोखा दे दिया है. वहीं कुछ इस कड़वे घूंट को पीकर रह जाते हैं और ऐसे ही जीवन चलते रहने देते हैं. वहीं कुछ हिम्मत दिखाते हुए अपने साथी का सामना करते हैं. दूसरी स्थिति में कपल्स या तो अलग होने का फैसला ले लेते हैं या फिर अपने रिश्ते को दूसरा मौका देने की संभावना तलाशते हैं. दूसरा ऑप्शन चुनने वालों के लिए राह आसान नहीं होती है, लेकिन फिर भी अगर इस पर आगे बढ़ने का सोचते हैं, तो कुछ टिप्स उनके काम आ सकते हैं. 


मुद्दों पर बात कर सहमति 
ज्यादातर एक्स्ट्रमैरिटल अफेयर्स तब होते हैं, जब शादी में पहले से ही कुछ इशूज चले आ रहे हों और दोनों ही इसे सुलझाने की जगह इग्नोर कर रहे हों. इमोशनल या फिजिकल इंटिमेसी में कमी, शादीशुदा लाइफ का स्ट्रेस, काम का स्ट्रेस जैसे कई कारण हैं, जो कपल्स को एक-दूसरे से दूर करने लगते हैं. तो अगर आपको अपने रिश्ते की नई शुरुआत करनी है, तो सबसे पहले इन सभी इशूज पर बात करें और इन्हें सुलझाएं. इसके बिना आपकी न्यू बिगिनिंग की सोच सिर्फ सपना बनकर रह जाएगी.


एक-दूसरे को दोष देना और नकारात्मक सोच
अगर रिश्ते में मौजूद समस्याओं के कारण धोखे की स्थिति पैदा हुई, तो एक-दूसरे को दोष देने की जगह चीजों को समझने और हल करने की कोशिश करें. ब्लेम गेम को आप जितना बढ़ाएंगे उतना ही ज्यादा आप हर्ट होगें और चीजें कभी नॉर्मल नहीं हो सकेंगी. अपने अंदर के नकारात्मक भावों को पीछे छोड़ना भी काफी जरूरी है. इसके बिना आप कभी भी हैपी रिलेशनशिप इंजॉय कर ही नहीं सकते हैं.


अफेयर के टॉपिक को बार-बार बातों में लाना
अगर आप नए सिरे से शुरुआत की सोचते हैं, तो आपको अपनी बातों में अफेयर का विषय उठाने से खुद को रोकना ही होगा. आपसी समस्याओं पर बात करते हुए ऐसे कई लम्हे आएंगे, जब आप इमोशन्स पर काबू खोता हुआ महसूस करेंगे. ऐसे मौकों पर ब्रेक लें और जब आपको लगे कि आप नॉर्मल हुए हैं, तब फिर से चर्चा करना शुरू करें. ऐसा नहीं करके अगर आप आवेश में आकर बार-बार चीटिंग का जिक्र करते रहेंगे, तो रिश्ते को नई शुरुआत मिल ही नहीं सकेगी.


पुराने अच्छे लम्हों को रीक्रिएट करें
माना कि चीटिंग आपके लिए दुखों का पहाड़ लेकर आई, लेकिन जब आप इसे भूलकर साथी को सेकंड चांस देने की सोच ही रहे हैं, तो बुरे लम्हों की जगह साथ में बिताए अच्छे लम्हों को याद करें और उन्हें रीक्रिएट करें. उदाहरण के लिए ऐसी जगह डेट या ट्रिप पर जाएं, जिससे आपकी हैपी ऐंड रोमांटिक यादें जुड़ी हों या साथ में ऐसी ऐक्टिविटीज करें, जो करना आपको पसंद हो.


 


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