Toe Ring: हमारे धर्म या समाज में कई ऐसी चीजें होती है, जो हमें कई बार रूढ़िवादी लगती है. लेकिन जब हम इनके बारे में पढ़ते हैं, जानते हैं तब हमें पता चलता है कि यह चीजें हमारी रूटीन लाइफ के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है और इससे हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. ठीक इसी तरह से है बिछिया पहनना. हिंदू धर्म में महिलाओं को शादी के बाद बिछिया जरूर पहनना चाहिए. यह सिर्फ एक सुहाग की निशानी ही नहीं होती, बल्कि इससे महिलाओं का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं महिलाओं को बिछिया क्यों पहने चाहिए.

 

स्वास्थ्य के लिए इस तरह फायदेमंद बिछिया 

बिछिया पैरों के अंगूठे की बाजू वाली उंगली में पहनी जाती है. इस उंगली से शरीर की कई नसें जुड़ी होती है, इसलिए यहां पर चांदी की बिछिया पहनने से सेहत को तमाम तरीके के फायदे मिलते हैं. इसे एक्यूप्रेशर थेरेपी भी कहा जाता है. इससे तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियां मजबूत होती है, क्योंकि यह बिछिया एक खास नस में प्रेशर डालती है. इतना ही नहीं गर्भाशय में खून के प्रभाव को भी बेहतर बनाती है, जिससे गर्भधारण करने की क्षमता बढ़ती है.

 

पीरियड्स को रेगुलर करें 

शादी के बाद कई सारे हर्मोनल चेंज महिलाओं के शरीर में होते हैं. जिससे कई बार उनका मासिक धर्म का चक्र भी अनियमित हो जाता है. ऐसे में शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि बिछिया पहनने से तलवे से लेकर नाभि तक की सभी नाड़ियां ठीक तरह से काम करती हैं. खासकर मछली के आकार की बिछिया पहनने से ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर होता है, क्योंकि यह आगे पीछे से नोंकदार और बीच से गोलाकार होती है, जिससे उंगली में बेहतर एक्यूप्रेशर होता है.

 

चांदी की बिछिया पहनने के फायदे 

पैरों में हमेशा चांदी की ही बिछिया पहननी चाहिए, क्योंकि चांदी में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को ठंडक देते हैं और यह हमें गर्भाशय की बीमारियों से भी बचाते हैं. चांदी की बिछिया महिलाओं के हार्मोन को बैलेंस करने का काम भी करती हैं, इसलिए हमेशा चांदी की बिछिया और पायल की पहनना चाहिए. विज्ञान के अनुसार दोनों पैरों की उंगलियों से गुजरने वाली एक नस होती है जो सीधे  रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ती है.  पैर की उंगली के कोमल दबाव से सिस्टम में ब्लड का सही फ्लो होता है जो ब्लड प्रेशर को भी संतुलित करता है. 

 

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