बीमारियों के इस दौर में कसरत और वेट लॉस पर ध्यान देना इतना ज़रूरी हो गया है कि ये दोनों चीज़ें आजकल हर किसी के डेली रूटीन का अभिन्न हिस्सा बन गई हैं. ऐसा होना भी चाहिए, क्योंकि ज़्यादातर बीमारियां बढ़ते वज़न के कारण ही शरीर को घेर लेती हैं. जैसे कि गठिया, ये एक प्रकार की जोड़ों के दर्द से जुड़ी बीमारी है. इस बीमारी के कारण जोड़ों में दर्द और अकड़न की समस्‍या पैदा होती. यूं तो ये बीमारी 40-50 की उम्र के बाद लोगों में देखने को मिलती है. मगर कहते हैं न बीमारी की कोई उम्र नहीं होती. आजकल गठिया की समस्‍या न सिर्फ बुजुर्गों में बल्कि बच्‍चों और युवाओं में भी सामान्‍य होती जा रही है. आमतौर पर गठिया की समस्‍या तब होती है, जब खून में यूरिक एसिड का स्‍तर बढ़ जाता है और जमने लगता है जिसके कारण जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न होने लगती है. लेकिन इस बीमारी में भी राहत है और वो ये कि इसे डाइट पैर्टन में बदलाव और एक्‍सरसाइज़ के ज़रिये कंट्रोल किया जा सकता है.


बता दें कि, हाल ही में हुए एक अध्‍ययन से सामने आया कि हल्‍दी गठिया के दर्द में राहत दिलाने के लिए एक बेजोड़ उपाय है. वहीं अगर इसके कारणों की बात की जाए, तो गतिहीन जीवनशैली यानी कि गलत पोजिशन में लंबे समय तक बैठे रहना या एक जगह पर बैठे या लेटे रहना गठिया की समस्‍या पैदा कर सकता है. वहीं मोटापा भी गठिया से जुड़ा है. आपका अधिक वज़न गठिया के दर्द को बढ़ा सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अतिरिक्त वज़न आपके जोड़ों पर दबाव डालता है, जो सिर्फ दर्द का कारण बनता है. इसलिए गठिया की परेशानी से निजात पाने में कम वज़न एक अहम भूमिका निभाता है. सिर्फ यही नहीं, गठिया से राहत पाने के लिए वज़न घटाना कई और रूपों में भी कारगर है. लेकिन उससे पहले जानते हैं मोटापे और गठिया के बीच का संबंध.


मोटापे का गठिया पर क्या असर



वैसे तो मोटापा कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का जोखिम कारक है. लेकिन जहां गठिया की बात आती है, तो वहां मोटापा और भी खतरनाक हो जाता है. अधिक वजन से जोड़ों पर अधिक भार पड़ता है, जो दर्द की समस्या को उत्पन्न करने का काम करता है. एक शोध के मुताबिक़, शरीर का लगभग आधा किलो वजन कम करने से घुटनों में दो किलो का दबाव हटाया जा सकता है और गठिया जैसे बीमारी से बचा जा सकता है. इसलिए गठिया से निपटने के लिए एक स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है. आइए आपको बताते हैं कि किन कारणों से वजन घटाने से गठिया में राहत मिल सकती है.


1. दर्द में कमी

अधिक वजन या मोटापा अक्‍सर हमारे जोड़ों या पैरों में दर्द का कारण बनता है. इसलिए जितना कम वजन, उतना कम दर्द. अगर आप गठिया से पीडि़त हैं और अधिक वजन वाले हैं, तो एक हेल्‍दी डाइट पैर्टन के साथ रेगुलर एक्‍सरसाइज करें, जिससे कि आपका वजन कम हो सके. ऐसा करने से आपके जोड़ों, खासकर कि घुटनों का दर्द कम होगा. साथ ही, आप गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए सरसों का लेप भी आज़मा सकते हैं.


2. जोड़ों की सूजन होगी कम

जब आप गठिया रोगी होने के साथ अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्‍त होते हैं, तो यह आपके पूरे शरीर और जोड़ों में सूजन का कारण बनता है. लेकिन अगर आप अपने वजन को घटाते हैं, तो इससे आपकी सूजन का स्‍तर भी कम होता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि वसा एक सक्रिय टिश्यू है और प्रो-इंफ्लेमेटरी रसायनों को स्रावित करता है.


3. बेहतर नींद में मदद

गठिया का दर्द या मसक्यूलोस्केलेटल पेन (मसल्स, हड्डियों और लिगामेंट्स में होने वाला दर्द )नींद को बाधित करता है क्योंकि ये दर्द काफी तेज़ होता है, जो आपकी रातों की नींद उड़ा देता है. ऐसे में धीरे धीरे ये दर्द नींद न आने की बीमारी का कारण भी बन सकता है. लेकिन वजन घटाने से मसक्यूलोस्केलेटल पेन और गठिया के दर्द में राहत मिलती है, जिसके परिणाम स्‍वरूप आप अच्‍छी नींद सो पाते हैं.


4. बेहतर हृदय स्‍वास्‍थ्‍य

मोटापा, गठिया और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के बीच लिंक है, जो कि हृदय स्‍वास्‍थ्‍य के लिए एक जोखिम कारक है. ऐसे में वजन कम करना न केवल आपको गठिया के दर्द से राहत दिलाने में, बल्कि आपको हृदय रोगों के जोखिम से बचाने में भी मदद करता है.


5. बेहतर ज्‍वाइंट फंक्‍शन

जामा अध्ययन के अनुसार वजन घटाने से ज्‍वाइंट फंक्‍शन में सुधार हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि घुटने के जोड़ के अंदर यांत्रिक दबाव वजन घटाने के साथ बेहतर होता है. लेकिन इसके बेहतर परिणाम के लिए आपको अपने खानपान में बदलाव और व्‍यायाम को जीवन का नियमित हिस्‍सा बनाना होगा. इसलिए आप अपने कैलोरी काउंट पर ध्‍यान दें. इसके अलावा, यदि आप गठिया के रोगी हैं, तो आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए और उन गलतियों से बचना चाहिए, जो कि गठिया की समस्‍या को बढ़ाने में योगदान करती हैं.