गैजेट्स का इस्तेमाल पिछले साल के दौरान बहुत बढ़ गया है. बढ़ी हुई निर्भरता ने सेहत पर कई साइड-इफेक्ट्स डाले हैं. आंख में थकान, पीठ दर्द और वजन में बढ़ोतरी डिजिटल डिवाइस के बहुत ज्यादा इस्तेमाल का कुछ नतीजा हैं. न सिर्फ आपका शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि गैजेट्स के बहुत ज्यादा इस्तेमाल का प्रभाव दिमागी सेहत पर भी पड़ता है. रिसर्च ने भी इस बात को स्पष्ट किया है कि डिजिटल डिवाइस खासकर सोशल मीडिया के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है.


गैजेट्स के इस्तेमाल में कटौती क्यों है जरूरी?


पोषण विशेषज्ञ लवनीत बत्रा ने इंस्टाग्राम पर बेहतर शारीरिक और दिमागी सेहत के लिए कुछ टिप्स शेयर किए हैं. उन्होंने बताया है कि सोशल मीडिया से कुछ समय के लिए ब्रेक लेना क्यों जरूरी है. सोशल मीडिया के उपयोग के बजाए क्या कुछ और विकल्प हो सकते हैं? बत्रा कहती हैं, "सोशल मीडिया के इस्तेमाल के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करना एक विडंबना है, लेकिन जिंदगी इस तरह की हो गई है."


उनका कहना है कि सोशल मीडिया या डिजिटल डिवाइस के इस्तेमाल से एक दिन के लिए भी रुकना बहुत मुश्किल हो सकता है. सोशल मीडिया एक दूसरे के साथ जुड़े रहने, सूचना साझा करने, मनोरंजन मुहैया कराने में मदद करता है. लेकिन उसके फायदे और नुकसान दोनों हैं. हालांकि, उस पर बहुत ज्यादा समय बिताना भी नशे की लत की तरह है. उससे हम प्रभावित होते हैं और उसका प्रभाव दिमागी सेहत पर भी होता है.





बेहतर सेहत के लिए कैसे लें डिजिटल ब्रेक?

उन्होंने खाते हुए मोबाइल इस्तेमाल करने की दूसरी गैर सेहतमंद आदत को भी स्पष्ट किया. उनकी सलाह है कि भोजन खाते समय स्क्रौल करने से रुक जाना चाहिए. इसके लिए बेहतर है कि खाना शुरू करने से पहले आप फोन, लैपटॉप और अन्य स्क्रीन को दूर रख दें. इस तरह आप अपने खाने पर ज्यादा ध्यान लगा सकेंगे, भोजन के प्रति ज्यादा जागरुक हो सकेंगे और ये भी जान सकेंगे कि कितना खा रहे हैं. ऐसा करने में मात्र 15-30 मिनट का समय लगेगा.


जब आप अपना खाना पूरा कर लें, तो अपना काम कर सकते हैं. खाते समय मोबाइल स्क्रीन पर घूरने से आप जरूरत से ज्यादा खा लेंगे और आपको संतुष्ट भी नहीं मिलेगी. गैजेट का इस्तेमाल कम करने के लिए आप एक किताब पढ़ सकते हैं. इसके अलावा, स्क्रीन के समय में कमी लाने के लिए अन्य गतिविधियों को भी अपना सकते हैं.


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