महिलाएं समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. इसके बावजूद कई महिलाएं देश और दुनिया में अपने अधिकारों के लिए अभी भी संघर्ष कर रही हैं. हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है. हमारा देश लंबे समय से महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहा है. रेलवे ने महिलाओं को उनके यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए कई सुविधाएं प्रदान की हैं. इन सुविधाओं के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, जिसके कारण बहुत कम लोग इसका उपयोग कर पा रहे हैं. आज महिला दिवस के मौके पर हम आपको रेलवे द्वारा महिलाओं को प्रदान की जाने वाली कुछ सुविधाओं के बारे में बताएंगे.


रात के समय की यात्रा में सुरक्षा


यदि किसी कारण से आप रात के समय किसी ट्रेन में यात्रा कर रही हैं और आपके पास टिकट नहीं है तो टीटीई आपको ट्रेन से नीचे उतार नहीं सकता है. यदि किसी ने आपको किसी ने ट्रेन से उतारने का प्रयास किया है, तो आप महिला रेलवे प्राधिकृति को शिकायत कर सकती हैं.


महिलाओं के लिए आरक्षित बर्थ


लॉन्ग डिस्टेंस स्लीपर क्लास में हर कोच में छह बर्थों का आरक्षित कोटा, एयर कंडीशन 3 टियर (3एसी) में प्रति कोच में चार से पाँच लोअर बर्थ और एयर कंडीशन 2 टियर (2एसी) क्लास में प्रति कोच में तीन से चार लोअर बर्थ के लिए आरक्षित है.


सीनियर सिटीजन के लिए नीचे बर्थ


रेलवे के कंप्यूटराइज्ड पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम के अंतर्गत यदि आप 45 वर्ष से अधिक आयु की सीनियर सिटीजन और महिला यात्री हैं, तो रिजर्वेशन के दौरान यदि कोई सीट विकल्प नहीं दिया गया है, तो आपको स्वचालित रूप से नीचे बर्थ मिलेगा.



गर्भवती महिलाओं के लिए नीचे बर्थ का आरक्षण


यदि आप गर्भवती हैं और आपको मिडिल या अपर बर्थ का आवंटन किया गया है, तो यदि ट्रेन के प्रस्थान के बाद कोई नीचे बर्थ खाली रहता है, तो गर्भवती महिला टिकट चेकिंग स्टाफ से संपर्क कर सकती है और मिडिल या अपर बर्थ की बजाय नीचे बर्थ की मांग कर सकती है.


आरक्षण काउंटर पर स्टैंडिंग क्यू 


ऑनलाइन बुकिंग के अलावा, जिन आरक्षण काउंटरों में अबतक कंप्यूटरीकृत प्रणाली नहीं है और महिला यात्रीयों के लिए विशेष काउंटर नहीं हैं, तो उन्हें टिकट प्राप्त करने के लिए सामान्य क्यू में खड़ा होने की आवश्यकता नहीं है.


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