हिन्दू धर्म के एक पवित्र ग्रंथ रामायण भगवान श्रीराम के जीवन की कहानी को बताता है. रामायण पर कई फिल्में और टीवी सीरीज बनी हैं. यहां तक कि रामायण को पांचवीं सदी में लिखा गया था. भगवान राम, उनके भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता ने चौदह वर्षों का वनवास किया था. इस अवधी काल में उन्होंने इस दौरान भारत के अधिकांश क्षेत्रों में यात्रा की. इस प्रकार यहां हम उन स्थानों पर चर्चा कर रहे हैं जो भगवान राम से जुड़े हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं वो स्थान.


अयोध्या


भगवान राम का जन्म अयोध्या शहर में हुआ था. यह उत्तर प्रदेश राज्य के फैजाबाद के नजदीक है. यहां भगवान राम को समर्पित एक मंदिर बनाया गया है. हाल ही में 22 जनवरी को इसका उपासना समारोह भी हुआ है. अयोध्या में आपको कई मंदिरों की यात्रा करनी चाहिए. जहां जाकर आप को काफी सुकुन मिलेगा.


जनकपुर


कहा जाता है कि राजा जनक की पुत्री देवी सीता जनकपुर में जन्मी थी. यहां ही भगवान राम और देवी सीता का विवाह हुआ था. वर्तमान में जनकपुर कठमांडू से दक्षिण-पूर्व में 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जहां जाना भी काफी शुभ है अगर आप नेपाल जाएं तो जनकपुर जरूर जाएं.


प्रयागराज


इस स्थान को पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था. अब यह प्रयागराज के नाम से मशहूर है. कहा जाता है कि अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम, देवी सीता, और लक्ष्मण ने यहां पवित्र गंगा नदी को पार किया. इसके अलावा, प्रयागराज त्रिवेणी संगम स्थल के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां बहुत से लोग पिण्ड दान करते हैं.


चित्रकूट


रामायण में एक महत्वपूर्ण स्थान, चित्रकूट है. जहां भरत ने राजा दशरथ की मृत्यु की सूचना देने के लिए भगवान राम के पास जाते हुए भरत मिलाप किया. वर्तमान में चित्रकूट मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच स्थित है.


पंचवटी (नासिक)


रामायण में सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता है पंचवटी. यहां लक्ष्मण ने सुपर्णखा की नाक काटी, और उत्तराधिकारी में रावण ने देवी सीता को हरण किया. वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य में स्थित पंचवटी को नासिक के नाम से जाना जाता है.


ये भी पढ़ें : Tourist Places: विदेशियों को भी भाती है दिल्ली की ये पांच जगहें, आपने किया है विजिट?