शायद ही ऐसा कोई भारतीय होगा जिसने अभी तक ट्रेन में सफर ना किया हो. एग्जाम शुरू होने से पहले बच्चे इस बात को लेकर खुश हो जाते हैं कि एग्जाम खत्म होने के बाद गर्मी की छुट्टी में वह परिवार के संग घूमने जाएंगे. ट्रेन में सफर करने का मजा बच्चों से लेकर बूढ़ों को अच्छा लगता है. अगर आप भी अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम एन्जॉय करने जाना चाहते हैं तो क्यों ना इस बार ट्रेन का लुत्फ उठाएं. भारत में कई ऐसी ट्रेन ट्रिप्स हैं जिनमें आपको गर्मी का अहसास नहीं होगा और आपकी यात्रा यादगार बन जाएगी. आइए ऐसे ही कुछ ट्रेन रूट्स के बारे में जानते हैं, जहां गर्मी में फैमिली के साथ जा सकते हैं.


जम्मू-बारामूला रेलवे रूट 


भारत का स्वर्ग कहे जाने वाली जम्मू में भी आप ट्रेन का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके लिए आपको जम्मू-बारामूला रेलवे रूट की यात्रा का प्लान जरूर बनाना चाहिए. यह उत्तरी भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण मार्गों में से एक है और इसे रेलवे पटरियों की मदद से कश्मीर घाटी को भारतीय मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए बनाया गया है. इस मार्ग पर 700 से अधिक पुल और कई सुरंगें हैं. यह पहाड़ों से घिरा हुआ है और नदी को पार करता हुआ जाता है.


दार्जिलिंग हिमालयन


यह सबसे पुरानी नैरो-गेज रेलवे ट्रैक है भारत में और न्यू जलपाइगुड़ी से दार्जिलिंग तक चलती है. यह भारत में सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन है और यह ट्रैक 1999 में यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था. अब यह ट्रेन डीजल पर भी चलती है. इस मार्ग पर आप हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करेंगे. यह ट्रेन यात्रा हरित-भरित वनों और चाय बागानों से होकर पहाड़ी चोटियों के बीच से होती है.


कांगड़ा घाटी रेल मार्ग


सुंदर कांगड़ा घाटी रेलवे मार्ग पंजाब के पठानकोट से हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर तक फैलता है, जिसमें 250 फीट और 1,000 फीट की दो शानदार सुरंगें हैं. इन सुरंगों से गुजरती हुई ट्रेन और चारों ओर की हरियाली देखकर काफी शांति मिलती है.


कालका से शिमला


हिमालयन क्वीन या शिवालिक एक्सप्रेस ट्रेन कालका से शिमला जाने वाले नैरो-गेज हिल्ली मार्ग पर चलती है. यह रेलवे मार्ग भारत की पूर्वी रेलवे नेटवर्क को शिमला, तब की भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी और बाकी भारतीय रेलवे नेटवर्क के बीच संबंध बनाने के लिए स्थापित किया गया था. यह टॉय ट्रेन पाइन ट्रीज़ के साथ हरित-भरित घाटियों से गुजरती है और शिमला में समाप्त होती है. इस मार्ग पर 102 सुरंगें, 87 पुल और 900 मोड़ हैं.


कन्याकुमारी से त्रिवेन्द्रम


इस ट्रेन यात्रा से अरब सागर बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का संगम देखा जा सकता है. इस यात्रा के दौरान आप बैकवाटर, हरित-भरित हरियाली और स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय खाने के साथ यात्रा का आनंद ले सकते हैं. इस रेलवे यात्रा के दौरान सूर्यास्त सहित कई दृश्य देखे जा सकते हैं.


ये भी पढ़ें : अप्रैल में घूमने के लिए ये हिल स्टेशन हैं बेस्ट, पहाड़ देखकर मन हो जाएगा खुश