मां-बेटी का रिश्ता सभी रिश्तों में सबसे ज़्यादा प्यारा होता है, लेकिन अगर आपकी बेटी टीनएज में है तो आपको अपनी और उसकी बॉन्डिंग ठीक वैसी करनी होगी जैसी श्वेता तिवारी और उनकी बेटी पलक की है. दोनों को देखकर ही ये एहसास हो जाता है कि वो मां-बेटी से ज़्यादा बहुत अच्छी सहेली हैं. अगर आप भी अपनी बेटी के साथ ऐसे ही रिश्ते का सपना देख रही हैं, लेकिन बात नहीं बन पा रही तो ज़रा सोचकर देखिए कहीं आप ये ग़लतियां तो नहीं कर रहीं. 


ज़्यादा टोका-टाकी से आ सकती है रिश्तों में दरार


टीनएज एक ऐसी अवस्था होती है जब पूरी ज़िंदगी अचानक से बदल रही होती है. शरीर में, जीवनशैली में कई तरह के बदलाव आ रहे होते हैं. ये एक ऐसा वक्त होता है जब हर कोई खुलकर अपनी ज़िंदगी जीना चाहता है, अगर आपकी बेटी भी इसी दौर से गुज़र रही है तो ऐसे समय में ज़्यादा टोका-टाकी न करें. प्यार से किसी भी बात को समझाएं. ऐसा न करने से आपकी और आपकी बेटी की बॉन्डिंग खराब हो सकती है. 


आपकी बेटी है यूनिक


अपनी बेटी को हमेशा ये एहसास कराएं कि वो बहुत यूनिक है. कभी भी उसकी तुलना किसी और से न करें. ऐसा करने से उसके मन में कहीं न कहीं हीन भावना आएगी जो आपकी बेटी को न सिर्फ आपसे दूर करेगी बल्कि उसका आत्मविश्वास भी पूरी तरह से टूट जाएगा. 


डांटने की बजाए प्यार से समझाना ज़्यादा बेहतर


अपनी बेटी को छोटी-छोटी बातों पर डांटने से बेहतर है कि आप उसे प्यार से समझाएं. आपका बिहेवियर ही ये तय करेगा कि आपकी टीनऐज बेटी के साथ आपकी बॉन्डिंग कितनी स्पेशल होती है. ये ज़रूर ध्यान रखें कि एक बेटी को उसकी मां से ज़्यादा बेहतर कोई नहीं समझ सकता है और टीनएज में ही या तो आप अपनी बेटी के साथ रिश्ते को मज़बूत कर सकती हैं या बिगाड़ सकती हैं. फैसला आपके हाथ में है.


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