रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटो इम्यून डिजीज है जिसका समय पर इलाज न करने से साइलेंट किलर हो सकती है. रूमेटाइड अर्थराइटिस जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न का कारण भी बनती है. उस बीमारी से निपटना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि उसका मामला हर शख्स के लिए अलग-अलग होता है. कुछ लोगों के लिए, ये आसानी से काबू में आ जाती है जबकि दूसरों के लिए ये बदतर हो सकती है. रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़े अप्रत्याशित लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. 


हाथ में सुन्नता और कलाई में दर्द- कलाई में दर्द और उंगली और हाथों में सुन्नता रूमेटाइड अर्थराइटिस के सबसे आम लक्षण हैं. ये लक्षण आम तौर से कंप्यूटर पर काम करनेवाले लोगों में देखा जाता है. दर्द शुरू हो सकता है और कलाई से कोहनी तक फैल सकता है अगर उचित इलाज मरीज को समय पर न मिले.


छाती में दर्द- छाती में दर्द सिर्फ हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का लक्षण नहीं होता. पुराने छाती के दर्द ये भी हो सकता है कि आप रूमेटाइड अर्थराइटिस से जूझ रहे हैं. दिल का खराब काम रूमेटाइड अर्थराइटिस को बढ़ा सकता है. अगर आपको लंबे समय से छाती का दर्द होता है जो गर्दन, या पीठ तक पहुंच जाता है, तो आपको फौरन अपने डॉक्टर से मशविरा करना चाहिए. 


आंखों में दर्द- क्या कभी आपने सोचा है कि आपकी आंख के दर्द का महज मतलह बै कि आप रूमेटाइड अर्थराइटिस से जूझ रहे हैं? आंख का दर्द या स्कलेरिटिस रूमेटाइड अर्थराइटिस की दिक्कत के तौर पर जाना जाता है. हालांकि, ये बहुत ही असामान्य और बेहद अप्रत्याशित लक्षण है जिससे एक मरीज पीड़ित हो सकता है. 
 
बाजू या उंगलियों में झुनझुनी लगना- इस स्थिति का एक प्रमुख संकेत रीढ़ और गर्दन में दबाव है. गर्दन और रीढ़ में क्षति से आगे सर्वाइकल माइलोपैथी हो सकता है- जो अत्यधिक प्रेशर नसों पर डालता है. इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को कई लक्षणों का एहसास या अनुभव के अलावा बाजू में झुनझुनी हो सकती है. इस स्थिति से जुड़े दूसरे कुछ अन्य लक्षणों में बाजू या हाथों में कमजोरी, चलने में परेशानी है.