Vrishchak Sankranti 2021: आज वृश्चिक संक्रांति है. आज 16 नवंबर के दिन सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा इसलिए आज वृश्चिक संक्रांति है. इसे लोग काफी शुभ मानते हैं. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन सूर्य भगवान की पूजा आदि करने से लोगों के दुख दूर हो जाते हैं. वैसे तो आज का पूरा दिन ही शुभ माना जाएगा. लेकिन 12 बजे से लेकर 2 बजकर 10 मिनट का समय पुण्यकाल है. इस वक्त में दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सभी दुखों और कष्टों का अंत हो जाता है. 

वृश्चिक संक्रांति के दिन लोग अन्न, वस्त्र आदि का दान करते हैं. इस दिन दान और स्नान को काफी पवित्र माना गया है. पवित्र नदी में स्नान का विधान भी है. आइए जानते हैं तिथि, मुहूर्त, महत्व और अनुष्ठान के बारे में कुछ खास बातें. 

वृश्चिक संक्रांति 2021: तिथि और समय

वृश्चिका संक्रांति पुण्य काल मुहूर्तवृश्चिका संक्रांति मंगलवार, 16 नवंबर, 2021वृश्चिका संक्रांति पुण्य काल – 07:35 से 13:18अवधि – 05 घंटे 43 मिनटवृश्चिका संक्रांति महा पुण्य काल – 11:31 से 13:18अवधि – 01 घंटा 47 मिनटवृश्चिका संक्रांति क्षण – 13:18

वृश्चिक संक्रांति 2021 महत्व

हिंदू मान्यता के अनुसार, संक्रांति तिथि को दान, स्नान, तपस्या और श्राद्ध प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण होता है. 16 और 17 नवंबर की मध्यरात्रि में सूर्य तुला राशि से वृश्चिक राशि में गोचर करेगा. तुला राशि में सूर्य की स्थिति अच्छी न होने के कारण वे कमजोर स्थिति में था. लेकिन अब वृश्चिक राशि में गोचर करने से सूर्य के लिए बेहतर घर है. यहां सूर्य ऊर्जा प्राप्त करता है. अब सूर्य एक माह तक वृश्चिक राशि में ही रहेगा. इस गोचर की स्थिति सिर्फ देश और दुनिया को भी प्रभावित करती है.   

वृश्चिक संक्रांति 2021 अनुष्ठान

– इस शुभ दिन भक्त सूर्य देव की पूजा करते हैं क्योंकि वृश्चिक संक्रांति सूर्य देव को समर्पित होती है इसलिए इस दिन भगवान सूर्य की विधि-विधान के साथ पूजा करने से दुखों का अंत होता है. 

– संक्रांति के दिन भक्त स्नान करते हैं.

– संक्रांति के दिन दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने के लिए इसे निश्चित समय पर करना जरूरी है. 

– इस दिन श्राद्ध और पितृ तर्पण करना महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है. 

– इतना ही नहीं, वृश्चिक संक्रांति पर ब्राह्मण को गाय का दान बहुत ही शुभ माना जाता है.

– इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय आदि हिंदू शास्त्र का पाठ इस दिन अवश्य करना चाहिए.

– संक्रांति के दिन वैदिक मंत्रों और भजनों का नियम पूर्वक पाठ किया जाता है.

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