Vidur Niti: विदुर को धर्मराज का अवतार माना गया है. विुदर हमेशा सत्य बोलते थे और सत्य का ही साथ देते थे. महाभारत के युद्ध को लेकर जब धृतराष्ट्र ने विदुर की राय जाननी चाही तो विदुर ही वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सबसे पहले इस युद्ध को महाविनाशकारी बताया था. विदुर दासी पुत्र थे, इसलिए वे राजा नहीं बन सकते थे. इसलिए हस्तिनापुर के राजा पांडु ने उन्हें अपना प्रधामंत्री बनाया. राजा धृतराष्ट्र के वे सलाहकार थे. धृतराष्ट्र हर मामले में विदुर की सलाह लिया करते थे. धृतराष्ट्र और विदुर के बीच जो भी संवाद हुआ उसे ही विदुर नीति कहा गया. विदुर नीति आज का महत्व आज भी है. विदुर की नीति व्यक्ति को अच्छाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है. आइए जानते हैं क्या कहती है आज की विदुर नीति-

समय पर मदद करने वालों को नहीं भूलना चाहिए

जीवन में आपके बुरे समय में मदद करने वालों को कभी नहीं भूलना चाहिए. मदद करने वालों का जीवन भर उपकार मानना चाहिए. जो व्यक्ति समय पर मदद करने वालों को नहीं भूलते हैं ईश्वर ऐसे लोगों का सदैव ही भला करते हैं. खराब समय में मदद करने वालों को जो अच्छा समय आने पर भूल जाते हैं ऐसे लोग स्वार्थी होते हैं. स्वार्थी व्यक्ति स्वयं की नजरों में गिर जाता है. ऐसे व्यक्ति कभी किसी के प्रिय नहीं होते हैं. समाज में भी ऐसे लोगों को सम्मान नहीं मिलता है. स्वार्थी व्यक्ति सदा अपने बारे में सोचता है ऐसे लोगों से सर्तक रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग कभी अपनी आदतों को नहीं बदलते हैं. काम निकालने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं.

दूसरों से हमेशा अच्छा व्यवहार करना चाहिए

जो व्यक्ति दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करता है, उसके साथ कभी बुरा नहीं होता है. कठिन से कठिन समय में भी व्यक्ति को अपना व्यवहार खराब नहीं करना चाहिए. अगर आप दूसरे से अच्छे व्यवहार की उम्मीद करते हैं तो आपको भी दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना होगा. अगर आप दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं तो आपके साथ भी कोई अच्छा व्यवहार नहीं करेगा. ये ठीक वैसा ही है जैसे सम्मान पाने के लिए पहले सम्मान देना पड़ता है.