Vat Savitri Vrat 2022: आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है, इस दिन सुहागिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं. कृष्ण पक्ष की अमावस्या सोमवार को पड़ने के कारण, इसे सोमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. अमावस्या के व्रत का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है. आज के दिन किए जाने वाले व्रत और पूजा से लोगों को 3 व्रतों का लाभ प्राप्त होगा. क्योंकि आज ही के दिन शनि जयंती भी है और आज ही सुहागिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखेंगी. अपने पितरों को प्रसन्न रखने के लिए लोग सोमवती अमावस्या का भी व्रत रखेंगे.


कैसे प्राप्त होगी मां लक्ष्मी की कृपा


वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है. क्योंकि ऐसी मान्यता है कि बरगद का पेड़ अन्य पेड़ों के अपेक्षा 20% ज्यादा ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है. इसलिए इस दिन बरगद के वृक्ष को जल से सींचा जाता है. उसके चारों ओर परिक्रमा करके अपने घर की सुख शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है. कहा जाता है कि बरगद के वृक्ष पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं का वास होता है. इसलिए बरगद के वृक्ष की परिक्रमा करके पूजा करने पर तीनों देवताओं से वरदान प्राप्त होता है.


बरगद के वृक्ष पर माता लक्ष्मी का सदा वास रहता है. इसलिए माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. अमावस्या का व्रत और पूजन करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. लोगों को पितृदोष से मुक्ति मिलती है, और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सोमवती अमावस्या का व्रत करने के पश्चात लोगों को दान करना चाहिए जिससे उनके घर से दरिद्रता मिटे और संपन्नता का वास हो.



 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.