Vaishakh Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है. आज यानि 8 मई, 2024 बुधवार के दिन वैशाख की अमावस्या (Amavasya) मनाई जा रही है. 


वैशाख माह (Vaishakh Month) की अमावस्या (Amavasya) पर स्नान-दान, पितरों का तर्पण शुभ और कल्याणकारी माना गया है. अमावस्या की तिथि 7 मई 2024, मंगलावर से लग गई थी, जो आज 8 मई, बुधवार सुबह 08.51 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि होने के कारण अमावस्या का व्रत (Amavasya Vrat) आज रखा जा रहा है.


वैशाख माह की अमावस्या का महत्व (Importance of Vaishakh Amavasya)



  • वैशाख माह के अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा और तर्पण करने के विधान है. 

  • साथ ही इस दिन पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है.

  • पितृ इस दिन खुश होकर अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

  • इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ होता है.

  • इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान जरुर करें.

  • स्नान के बाद जरुरतमंदों को दान दें.


वैशाख अमावस्या की पूजा कथा के बिना पूरी नहीं मानी जाती. आइये जानते हैं वैशाख अमावस्या व्रत की कथा


वैशाख अमावस्या व्रत कथा (Vaishakh Amavasya Vrat Katha)


प्राचीन काल में धर्मवर्ण नाम का एक ब्राह्मण था. उन्होंने किसी संत से सुना था कि घोर कलियुग में भगवान विष्णु के ध्यान से बढ़कर कोई दूसरा पुण्य कार्य नहीं होगा. यज्ञ करने से ज्यादा पुण्य भगवान का ध्यान करने से मिलेगा.


धर्मवर्ण ने संत की यह बात मान ली और यात्रा पर निकल पड़े. भ्रमण के दौरान धर्मवर्ण पितृ लोक पहुंचे. वहां उन्होंने देखा कि उनके पिता बहुत दर्द में हैं. पितरों ने धर्म वर्ण को बताया कि उनकी यह स्थिति संन्यास के कारण हुई है. क्योंकि अब उनकी शांति के बदले पिंडदान करने वाला कोई नहीं है.


पूर्वजों ने तुम्हें पारिवारिक जीवन शुरू करने और संतान उत्पन्न करने का आदेश दिया है. तभी हमें संतुष्टि होगी. धर्मवर्ण ने पितरों की आज्ञा का पालन करते हुए, पारिवारिक जीवन शुरू किया और वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पिंडदान करके पितरों को मुक्ति दिलाई.


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