Utpanna Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही खास माना गया है. एकादशी व्रत और पूजन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. लेकिन पूरे साल में एक एकादशी ऐसी होती है, जिसमें भगवान विष्णु के साथ देवी एकादशी की भी पूजा करने का महत्व है. इस एकादशी का नाम है ‘उत्पन्ना एकादशी’.


पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को लेकर ऐसी मान्यता है कि, मार्गशीर्ष महीने के 11वें दिन भगवान विष्णु के शरीर से एक देवी उत्पन्न हुई थी. इसलिए इसका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा. इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी शुक्रवार, 08 दिसंबर 2023 को है.


उत्पन्ना एकादशी का महत्व (Utpanna Ekadashi 2023 Importance)


मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की इस एकादशी को लेकर ऐसा कहा जाता है कि, इसी तिथि पर भगवान विष्णु के शरीर से देवी एकादशी उत्पन्न हुईं और उसने मुर नामक राक्षस का वध कर भगवान विष्णु के प्राण की रक्षा की. इसलिए उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ देवी एकादशी का भी पूजन किया जाता है. लेकिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत या पूजन तभी सफल व संपन्न होगा, जब आप इससे संबंधित व्रत को पढ़ते या सुनते हैं.


देवी एकादशी का प्राकट्य होने के कारण उत्पन्ना एकादशी  के दिन से एकादशी व्रत का आरंभ करना भी बहुत शुभ माना जाता है. अगर आप एकादशी व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं तो इस एकादशी से कर सकते हैं. उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत-पूजन करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और भक्त के समस्त दुख, दोष और दरिद्रता दूर होती है.


उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा (Utpanna Ekadashi 2023 Vrat Katha in Hidni)


पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु और मुर नामक राक्षस के बीच युद्ध हुआ. युद्ध के दौरान जब भगवान विष्णु को थकान महसूस हुई तो वे बद्रिकाश्रम में एक गुफा में जाकर आराम करने लगे और विश्राम करते हुए उन्हें गहरी नींद आ गई. उधर भगवान विष्णु का पीछा करते हुए मुर राक्षस भी बद्रिकाश्रम पहुंच गया. उसने देखा भी विष्णु जी तो नींद में हैं. इसके बाद उसने विष्णु जी को नींद में मारना चाहा. लेकिन अचानक भगवान विष्णु के शरीर से एक दिव्य ज्योति प्रकट हुई जिससे एक देवी प्रकट हुई और इसी देवी ने मुर का वध कर भगवान विष्णु के प्राण बचाए.


भगवान विष्णु इस देवी से बहुत प्रसन्न हुए. भगवान बोले- देवी तुम्हारी उत्पत्ति मेरे शरीर से मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को हुई है. इसलिए तुम्हारा नाम ‘एकादशी’ होगा. आज से इस एकादशी पर मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा होगी. इसलिए जो लोग उत्पन्ना एकादशी के दिन विधि-विधान से व्रत-पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और धन-संपत्ति का सुख मिलता है.


ये भी पढ़ें: Geeta Jayanti 2023: गीता जयंती पर बन रहे हैं 3 दुर्लभ योग, नोट करें डेट, सुख-समृद्धि पाने इस दिन जरुर करें 3 काम



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.