Why should unmarried Girls not touch Shivling: सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू हुआ है. यह पूरा मास भगवान शिव व उनके विविध स्वरूपों की पूजा के लिए उत्तम होता है. कहा जाता है कि इस मास में भगवान शिव अपने भक्तों पर कृपा बरसाने व उनका कल्याण करने के लिए पृथ्वी लोक पर विचरण करते हैं. शिव भक्त भी उनकी कृपा का आशीर्वाद पाने के लिए महादेव के विभिन्न रूपों का पूजन करते हैं.  


सावन में शिवलिंग का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करना बहुत उत्तम होता है. धार्मिक मान्यता है कि शिवलिंग की पूजा करने और जलाभिषेक करने पर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इस महीने में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं और भगवान भोलेनाथ भक्त को सुख-समृद्धि और पद –प्रतिष्ठा का आशीर्वाद देते हैं. परंतु शिवलिंग पूजा के दौरान गलतियां होने से भगवान शिव व पार्वती नाराज भी होते हैं.



भूलकर भी शिवलिंग को करें स्पर्श


हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा के लिए अनेक विधियां बताई गई है. वैसे तो भगवान शिव की मूर्ति और महादेव के निराकार रूप शिवलिंग दोनों की ही पूजा की जाती है. परंतु रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) शिवलिंग (Shivling) का ही होता है. सावन मास में शिवलिंग का रुद्राभिषेक बहुत ही फलदायी होता है. परंतु शिवलिंग की पूजा या रुद्राभिषेक के समय महिलाओं और अविवाहित लड़कियों को भूलकर भी शिवलिंग स्पर्श नहीं करना चाहिए. वरना बहुत अशुभ हो सकता है. माता पार्वती नाराज होकर शाप भी दे सकती हैं.


कारण


धर्म ग्रंथों के अनुसार, शिवलिंग एक दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है. यदि विवाहित लोग इसकी पूजा करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में प्रेम खुशहाली आती है, सुंदर और सुयोग्य संतान की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. वहीं कुंवारी लड़कियों को सुन्दर-सुयोग्य व मनवाछित वर प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. परंतु इन्हें पूजा के दौरान शिवलिंग को स्पर्श नहीं करना चाहिए. इससे देवी पार्वती बहुत ही नाराज होती हैं. इसके अलावा तपस्यालीन भगवान शिव की तंद्रा भंग न हो, इसलिए भी शिवलिंग को छूने की मनाही होती है. शिवलिंग स्पर्श करने से भगवान शिव व माता पार्वती की नाराजगी का शाप झेलना पड़ सकता है.