Shardiya Navratri 2025: आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा तिथि यानी 22 सितंबर 2025 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. 9 दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में मां दुर्गा ने 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. शक्ति स्वरूपा नवदुर्गा की पूजा से जुड़ा यह पर्व दैवीय शक्ति के महत्व को भी दर्शाता है.

Continues below advertisement

भक्त हमेशा अपने ईश्वर किसी ना किसी तरह से जुड़े रहते हैं, लेकिन भक्ति-आस्था को लेकर उनके मन में कई जिज्ञासा भी होती है. ऐसी ही जिज्ञासा प्रेमांनद महाराज (Premanand Ji Maharaj) के एक भक्त में भी थी, जिसके उत्तर के लिए उसने वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज से प्रश्न पूछा और महाराज ने उसे उत्तर भी दिया.

भक्त का सवाल- महाराज जी, मैं कोई नाम नहीं जपता मैं केवल मां मां जपता हूं तो क्या मुझ पर मां की दृष्टि पड़ेगी.

Continues below advertisement

उत्तर- प्रेमानंद महाराज जी बोले, ‘मां भी तो भगवान का ही स्वरूप है इसलिए उनके साथ भी जुड़ना जरूरी है.’ जिस तरह हम मां दुर्गा, मां काली का चिंतन करते हैं. आप भी दुर्गा मां, सरस्वती मां का पाठ करें. उनका मंत्र जो दुर्गा सप्तशती में है, उसे जपते रहें.

जिन भक्तों के मन में शांति, करुणा और प्रेम का संचार होता है, वही मां का साक्षात रूप है. सच्चा जप केवल शब्दों का उच्चारण नहीं है, बल्कि भाव का संचार है. यदि मन, वाणी और कर्म तीनों से भक्त मां को पुकारता है, तो उसे जीवन में हर क्षण मां की उपस्थिति का अनुभव होगा.

बता दें कि, प्रेमानंद महाराज राधा रानी के परम भक्त माने जाते हैं. फिलहाल ये वृंदावन में रहते हैं और लोगों को प्रवचन देकर लोगों को भक्ति मार्ग पर चलना और नियमों का पालन करना सिखाते हैं.

ये भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि खत्म होते दशहरा पर जीव-जंतु कम पड़ गए..., नॉनवेज खाने को लेकर इंद्रेश उपाध्याय का चौंकाने वाला संदेश!

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.