Navratri 2023, Maa Katyayni Aarti and Upay: मां दुर्गा की 6वीं शक्ति मां कात्यायनी की पूजा करने से प्रेम के रास्ते में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा की जाती है. मां कात्यायनी स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं और स्त्री ऊर्जा का स्वरूप भी हैं.


20 अक्टूबर 2023 को मां कात्यायनी की पूजा होगी. इसी दिन से दुर्गा पूजा भी शुरू हो जाएगी. मां कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत भी रखते हैं. मां कात्यायनी व्रत से जुड़ी मान्यता यह है कि इसे सबसे पहले कृष्ण की भूमि, भीर भूमि की गोपियों द्वारा कृष्ण को पति स्वरूप प्राप्त करने के लिए किया गया था. मां के इस रूप को प्रसन्न करने के लिए माता कात्यायनी की पूजा करें और उनसे जुड़े कुछ उपाय करें.


मां कात्यायनी की आरती (Maa Katyayni Aarti)


जय-जय अम्बे जय कात्यायनी


जय जगमाता जग की महारानी


बैजनाथ स्थान तुम्हारा


वहा वरदाती नाम पुकारा


कई नाम है कई धाम है


यह स्थान भी तो सुखधाम है


हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी


कही योगेश्वरी महिमा न्यारी


हर जगह उत्सव होते रहते


हर मंदिर में भगत हैं कहते


कत्यानी रक्षक काया की


ग्रंथि काटे मोह माया की


झूठे मोह से छुडाने वाली


अपना नाम जपाने वाली


बृहस्पतिवार को पूजा करिए


ध्यान कात्यायनी का धरिए


हर संकट को दूर करेगी


भंडारे भरपूर करेगी


जो भी भक्त मां को पुकारे


कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।


जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।


जय जगमाता, जग की महारानी।


मां कात्यायनी कथा (Maa Katyayni katha)


एक पौराणिक कथा के अनुसार श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने मां कात्यायनी की आराधना की थी, इसलिए इन्हें ब्रजभूमि की अधिष्ठात्री देवी कहलाईं गईं. वहीं धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी ऋषि कात्यायन के कठोर तप से प्रसन्न होकर देवी कात्यायनी ने इनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया. सबसे पहले कात्यायन ऋषि ने ही मां की पूजा की थी.


मां कात्यायनी के उपाय (Maa Katyayni Upay)


मां कात्यायनी को 3 हल्दी की गांठ चढ़ाएं. हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया। तथा मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम ॥ इस मंत्र का 5 माला जाप करें. गोबर के उपले जलाकर उस पर लौंग व कपूर की आहुति दें. मान्यता है विवाह और वैवाहिक जीवन संबंधी हर समस्या का निवारण होता है.


किसी की कुंडली पर मंगल दोष के प्रभाव को समाप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी होता है.


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