Shani Pradosh Vrat 2022 Puja: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाएगा. शिव उपासना के लिए प्रदोष व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है. इस दिन शनिवार होने से ये शनि प्रदोष कहलाएगा. शनि की महादशा का प्रभाव कम करने के लिए इस दिन सच्चे मन से शिव की पूजा करनी चाहिए, मान्यता है कि इससे जीवम में रोग, दोष, मानसिक और शारीरिक तकलीफें दूर हो जाती है. आइए जानते हैं कार्तिक माह के दूसरे प्रदोष व्रत की डेट और मुहूर्त


शनि प्रदोष व्रत 2022 डेट (Shani Pradosh Vrat 2022 Date)


कार्तिक माह का दूसरे शनि प्रदोष व्रत 5 नवंबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल में शिव का रुद्राभिषेक करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. जो भोलेनाथ की पूर्ण श्रद्धा से आराधना करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है.


शनि प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्त (Shani Pradosh 2022 Muhurat)


हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 05 नवंबर 2022 को शाम 05 बजकर 06 मिनट से आरंभ हो रही है. 06 नवंबर 2022, रविवार को तशाम 04 बजकर 28 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का समापन है.


शनि प्रदोष पूजा मुहूर्त - शाम 05:41 - रात 08:17


शनि प्रदोष व्रत में क्या करें (Shani Pradosh Vrat Upay)



  • शनि दोष निवारण के लिए शनि प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में भोलेनाथ को काला तिल अर्पित करें और 108 बार भगवान भोलेभंडारी के पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप करें. इससे धन संबंधित सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी. वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्त होगा.

  • कालों के काल महाकाल यानी शंकर जी पर शनि प्रदोष के दिन 21 बेलपत्र एक-एक करके चढ़ाएं. फिर शिव चालीसा का पाठ करें. मान्यता है कि शिव को प्रसन्न कर लिया तो शनि के दुष्प्रभाव भी कम होने लगेंगे. शनि के प्रभाव से पीड़ित लोगों के लिए यह अचूक उपाय है.


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