Shani Pradosh Vrat 2021: हर महीने की त्रियोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाला ये पहला प्रदोष व्रत है. इस बार ये व्रत कल यानि 4 सितंबर, शनिवार को पड़ रहा है इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जा रहा है. शनि प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की कृपा भी पा सकते हैं. अगर किसी पर शनि का प्रकोप है या साढ़े साती है, तो इस दिन व्रत या ये उपाय करके साढ़े साती के प्रकोप से मुक्त हो सकता है. सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शनि त्रियोदशी के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाती है. 


शनि प्रदोष व्रत का महत्व (significance of shani pradosh vrat)
कहते हैं कि प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है. ऐसा करने से जीवन में हर सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही व्यक्ति को पाप कर्म से मुक्ति मिलती है. ये व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रख सकते हैं. इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति का वरदान भी मिलता है. शनिवार को पड़ने के कारण शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की भी विदि-पूर्वक पूजा करें. शनि से जुड़ी वस्तुओं का दान करें. कहते हैं ऐसा करने से कुंडली में शनि की दशा सही हो जाती है. 


यूं करें शनि की पूजा और उपाय (shani ki puja and upaye)
1. शनि त्रियोदशी के दिन अगर आप पर साढ़े साती या शनि ढैय्या है तो शाम के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें. उसके आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. फिर शनिदेव के मंज्ञ 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' का 108 बार जाप करें. मान्यता है कि ऐसा करने से शनि परेशान नहीं करते.


2. शनि त्रियोदशी के दिन धन को लेकर परेशान लोगों को पीपल के पेड़ पर नीले रंग के फूल चढ़ाने की सलाह दी जाती है. साथ ही पीपल के पड़े पर जल चढ़ाएं और शनि के मंत्र की एक माला का जाप करें. ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.


3. संतान प्राप्ति और जल्द विवाह की मनोकामना रखने वाले जातकों को शनि त्रियोदशी के दिन शिवलिंग पर 11 फूल और 11 बेलपत्र अर्पित करने की सलाह दी जाती है. कहते हैं ऐसा करने से शनि दोष से राहत मिलती है.


4. इस दिन तेल में अपना चेहरा देखकर डाकोत को तेल का दान करें, ऐसा करने से जहां शनिदेव का आर्शीवाद प्राप्त होता है, वहीं शनि दोष से मुक्ति मिलती है.


5. शनि प्रदोष के दिन काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई मीठी रोटी खिलाने से सोई हुई किस्मत जाग जाती है. 


6. इस दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की पूजा-अर्चना करना चाहिए. साथ ही, शनि चालीसा के साथ-साथ शनि स्त्रोत का पाठ भी कर ना चाहिए. ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.


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