Shani Jayanti 2023: शनि जयंती 19 मई 2023 को है. इस साल शनि जन्मोत्सव बहुत खास होने वाला है क्योंकि इसी दिन गजकेसरी योग, शोभन योग का संयोग भी बन रहा है जो साधक के जीवन से दुखों को दूर कर खुशियों का खजाना भर देंगे. इन शुभ योगों में शनि देव की विधि विधान से पूजा कई गुना फल प्रदान करेगी.


वैसे तो शनि देव की पूजा में ज्यादा सामग्री की जरुरत नहीं होती लेकिन कुछ खास चीजें हैं जो उन्हें अति प्रिय है. कहते हैं शनि जंयती पर सप्तधान शनि देव को अर्पित करने वालों के अच्छे दिन शुरू हो जाते हैं, शनि दोष से राहत मिलती है. आइए जानते हैं शनि देव को क्यों प्रिय है सप्तधान और इससे क्या फल प्राप्त होगा.



शनि की बुरी दृष्टि से बचने चढ़ाएं ये सप्तधान


गेहूं, चावल, तिल, मूंग, उड़द और जौ - शनि जयंती पर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में सप्तधान का जरुर इस्तेमाल करना चाहिए. मान्यता है जिन लोगों की कुंडली में शनि की महादशा चल रही है शनि जयंती पर शनि मंदिर ये सप्तधान चढ़ाने से शनि की साढ़ेासाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव कम होते हैं.


कैसे चढ़ाएं शनि देव को सप्तधान ? (Shani Jayanti Puja vidhi)


शनि जयंती पर एक-एक किलो सात प्रकार के अनाज, कुछ लोहे की कील, आधा किलो तिल, आधा किलो काले चने के साथ एक नीले कपड़े में बांध लें और इसे किसी शनि मंदिर में दान कर दें. ऐसा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है और कष्टों का नाश होता है.


सप्तधान से शनि देव का क्या है संबंध ? (Shani Dev Connection with Saptdhan)


पौराणिक कथा के अनुसार शनि देव एक बार कुछ गंभीर चिंतन कर रहे थे, तभी नारद जी ने उनसे इस चिंता का कारण पूछा. शनि देव ने कहा कि मुझे कर्मों के अनुसार सप्त ऋषियों के साथ न्याय करना है लेकिन उससे पहले सात ऋषियों की परीक्षा लेना है. नारद मुनि ने शनि देव को इस समस्या का एक उपाय सुझाया, जिसका पालन करते हुए शनि देव ब्राह्मण के रूप में सप्त ऋषियों के समक्ष पहुंच गए.


जब शनि देव ने ली सप्तऋषियों की परीक्षा


सप्त ऋषियों के साथ शनि देव खुद की बुराई करने लगे, लेकिन सप्त ऋषियों ने उनके के लिए जरा भी कड़वे बोल नहीं बोले, साथ ये कहा कि शनि देव तो कर्मों के फलदाता है और उनका न्याय गलत नहीं है. सप्त ऋषियों से अपने प्रति ऐसी बातें सुनकर शनि देव प्रसन्न हुए और अपने वास्तविक स्वरूप में आ गए. सप्त ऋषियों ने 7 प्रकार के अनाज से शनि देव की पूजा की. प्रसन्नचित शनि देव ने कहा जो व्यक्ति सप्त धान से मेरी पूजा करेगा, उसपर मेरी बुरी दृष्टि नहीं पड़ेगी तभी से कर्म फलदाता को सप्तधान चढ़ाए जाते हैं.


Jyeshta Amavasya 2023: ज्येष्ठ अमावस्या है बेहद पुण्यकारी, इन उपायों से कारोबार में मिलेगी तरक्की


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.