Shani Dev Puja: शनि देव को न्याय, कर्म और दंड का देवता कहा जाता है. इसलिए शनि देव की पूजा करने के कई विशेष नियम भी बताए गए हैं, जिसका पालन जरूर करना चाहिए. शनि देव की पूजा करने के कई नियमों में एक है, खुली आंखों वाली प्रतिमा के दर्शन और पूजन के नियम.

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खासकर शनि देव की खुली आंखों वाली प्रतिमाओं को लेकर अधिकांश भक्तों में डर और संकोच का भाव रहता है. शनि देव की खुली आंखों वाली मूर्ति में पूजा करने से पहले लोगों में संदेह, भय और बचकर चलने वाली मान्यताएं काफी प्रचलित हैं. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक डॉक्टर अनीष व्यास से जानते हैं आखिर इसका क्या कारण है.

क्यों नहीं देखनी चाहिए शनि देव की आंखें

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ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शास्त्रों में शनि देव का स्वरूप न्यायप्रिय, कठोर और टेढ़ी दृष्टि वाला बताया गया है. शनि की यह दृष्टि कर्मफल का अधिकार रखती है जिसका सीधा संबंध व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों से जोड़ा जाता है. इसलिए जब शनि देव की मूर्ति में उनकी आंखें पूर्ण रूप से खुली दिखाई देती हैं, तो यह प्रतीकात्मक रूप से दर्शाता है कि वे हर समय जीव के कर्मों पर दृष्टि बनाए रखते हैं. शनि देव की नजर जिसपर पड़ती है, उसे अपने कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है. यही कारण है कि, पूजा करते समय लोगों को शनि की आंखों में देखने से मना किया जाता है.

इस संबंध में एक पौराणिक कथा काफी प्रचलित है जिसके अनुसार, शनि देव को उनकी पत्नी से ऐसा श्राप मिला था कि, जिस पर भी शनि देव की दृष्टि पड़ेगी उसका अनिष्ट हो जाएगा. यह भी कहा जाता है कि, शनि देव की दृष्टि से देवता भी नहीं बच पाए थे. इसलिए आमतौर पर लोग शनि देव की आंखों को देखने से बचते हैं.

शनि देव की कैसी मूर्ति में करें पूजा करें

शनि देव की शिला में पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है. आमतौर सभी शनि मंदिर या शनि धाम में शनि की मूर्ति के साथ ही शिला भी मौजूद होती है. कई लोग शनि की शिला में ही पूजा करते हैं. यदि किसी मंदिर में शिला न हो तो आप शनि देव की ऐसी मूर्ति में ही पूजा करें, जिसमें शनि देव की आंखें बंद हों. या फिर पूजा करते समय सीधे शनि देव की आंखों में न देखें.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.